क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लोकसभा चुनाव 2019: वारंगल लोकसभा सीट के बारे में जानिए

Google Oneindia News

नई दिल्ली: तेलंगाना की वारंगल लोकसभा सीट से इस वक्त TRS के दयाकर पासुनूरी सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर टीआरएस के के. श्रीहरि सांसद चुने गए थे लेकिन तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था और इस वजह से यहां साल 2015 में उपचुनाव हुआ जिसे कि TRS ने ही जीता और दयाकर पासुनूरी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे उन्होंने यहां पर जीत का नया रिकार्ड बनाया था, उन्होंने कांग्रेस के एस. सत्यनारायण को रिकॉर्ड करीब 4.60 लाख वोटों के अंतर से मात दी थी, इस सीट पर आजतक कोई इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं कर सका है, उन्हें 59.50 फीसदी यानी 6,15,403 वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के एस. सत्यनारायण को 15.11 फीसदी यानी 1,56,315 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर भाजपा के पी. देवैया रहे थे, उन्हें 1,29,868 वोटों पर संतोष करना पड़ा था।

profile of Warangal lok sabha constituency

वारंगल हैदराबाद के बाद तेलंगाना का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, वारंगल को भारत के 11 महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहरों वाले शहरों में शुमार कर हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑगमेंटेशन योजना में शामिल किया गया है, इसे भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन में 'स्मार्ट सिटी' के तौर पर भी चुना गया था, यहां मुख्य रूप से धान, कपास, आम और गेहूं की खेती होती है, तेलंगाना की वारंगल लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है, यहां की कुल जनसंख्या 21,00,038 है जिसमें से 59.99% लोग गांवों में रहते हैं और 40.01% लोग शहरों में निवास करते हैं, यहां पर 19.58% लोग एससी और 7.39% लोग एसटी वर्ग के हैं।

वारंगल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें से पांच विधानसभा सीटें- पालाकुरथी, पारकल, वारंगल पूर्व, वारंगल पश्चिम और भुपालपल्ले अनारक्षित हैं तो दो सीटें- घानपुर (स्टेशन) और वारधन्नापेट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं, 2018 में हुए चुनावों में इनमें से छह सीटों पर टीआरएस को जीत मिली थी तो एक सीट पर कांग्रेस जीती थी। 1952 में अस्तित्व में आने के समय से यह लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, यहां हुए 16 आम चुनावों में से कांग्रेस को आठ बार जीत मिली है, इनके अलावा टीआरएस और टीडीपी भी बीच-बीच में चुनाव जीतती रही हैं, टीआरएस को 2015 में हुए उपचुनावों को मिलाकर तीन बार जीत मिली है, साल 2015 के उपचुनाव में कांग्रेस को धूल चटाने वाले दयाकर पासुनूरी पहली बार यहां से सांसद चुने गए हैं।

दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सांसद दयाकर पासुनूरी की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 52 फीसदी रही है, इस दौरान उन्होंने केवल 2 बहसों में हिस्सा लिया है, दयाकर पासुनूरी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 12.50 करोड़ रुपये मिले थे जो ब्याज समेत 17.79 करोड़ हो गए थे, इसमें से उन्होंने 16.91 करोड़ रुपये विकास कार्यों में खर्च किए, जो मूल आवंटित फंड का 133.53 फीसदी है। यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 15,37,781 थी , जिसमें से केवल 11,74,631 लोगों ने अपनो मतों का प्रयोग किया था, जिसमें से पुरुषों की संख्या 5,92,484 और महिलाओं की संख्या 5,82,147 थी।

कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस का हारना पार्टी के लिए करारा झटका थी, ऐसे में क्या इस बार कांग्रेस यहां अपनी हार का बदला ले पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है तो वहीं टीआरएस ने पिछले लोकसभा चुनाव में केवल इस सीट पर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शन किया था, उसने राज्य की 17 सीटों में से 11 सीटों को अपने नाम किया था। इन हालातों में कांग्रेस कैसे TRS को टक्कर देगी इस पर सबकी नजर है तो वहीं टीआरएस के ऊपर भी दवाब अपने प्रभुत्व को बचाकर रखने का होगा, देखते हैं चुनावी जंग में जीत की बाजी किसके हाथ लगती है।

<strong>ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: भोंगीर लोकसभा सीट के बारे में जानिए</strong>ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: भोंगीर लोकसभा सीट के बारे में जानिए

Comments
English summary
profile of Warangal lok sabha constituency
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X