शशिकला का राजनीति से संन्यास, जानिए उनके वीडियो शॉप ऑनर से लेकर चिनम्मा बनने तक का सफर
चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वीके शशिकला ने राजनीति से संन्यास ले लिया। शशिकला कभी दिवंगत जयललिता की राइट हैंड हुआ करती थीं। शशिकला के इस्तीफे से तमिलनाडु के राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की संभावना बतायी जा रही है। शशिकला हाल ही में 4 साल की जेल काटकर आई हैं। वो भ्रष्टाचार के एक मामले में कारावास में थीं। जब वो बाहर आईं तो ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि वो फिर से राजनीति में वापसी कर सकती हैं लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए राजनीति को ही अलविदा कह दिया। शशिकला ने सन्यास लेने का ऐलान करते हुए कहा कि तमिलनाडु की जनता का आभार, कार्यकर्ता डीएमके को हाराने के लिए वोट करें। मैं अब राजनीति से दूर रहना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि सत्ता और पद का कभी लालच नहीं रहा। तो आइए आपको बताते हैं शशिकला की जिंदगी से जुड़ी हर छोटी बड़ी बातों को....
तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ जन्म
शशिकला नटराजन का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ था। कहा जाता है कि शशिकला फिल्में देखने की काफी शौकीन थीं इसी कारण उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी, जयललिता उस वक्त की टॉप की हिरोईन थीं, फिल्म, हिरोईन और शौक ही उन्हें जयललिता के करीब ले आया था।
पैसों के लिए चलाती थीं वीडियो शॉप
पैसे कमाने के लिए शशिकला एक वीडियो शॉप चलाती थीं, शशिकला की शादी तमिलनाडु की सरकार में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर नटराजन से हुई थी। पति नटराजन कडलोर जिले के डीएम वीएस चंद्रलेखा के साथ थे। चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्कालीन एमजीआर के करीब थीं। एमजीआर अपनी सहअभिनेत्री जयललिता के भी काफी करीबी थे। बस इसी के चलते शशिकला और जयललिता की मुलाकात हुई, वैसे कहा जाता है कि शशिकला से जयललिता की मुलाकात 1980 के दशक में हुई थी, तब वो पार्टी की प्रचार सचिव थीं और शशिकला अपनी प्रिय अभिनेत्री से नेता बनीं जयललिता का वीडियो शूट करना चाहती थीं, बस इसी सिलसिले में दोनों ने पहली मुलाकात की थी।
गहरी मित्रता में बदला शशिकला और जयललिता का रिश्ता
ये मुलाकात गहरी मित्रता में बदल गई और आलम ये हुआ कि शशिकला, जयललिता के घर पर ही रहने लगीं। धीरे-धीरे शशिकला का पूरा परिवार भी जयललिता के घर पर शिफ्ट हो गया। धीरे-धीरे शशिकला का कद बढ़ता गया और वे ही तय करतीं कि अम्मा क्या करें या ना करें।
तमिलनाडु में 'अम्मा' के बाद 'चिनम्मा'
ये मित्रता कितनी गहरी थी इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जयललिता के अंतिम संस्कार की सारी रस्में शशिकला ने निभाई और आज उनकी पार्टी की भी कमान भी उन्हीं के हाथ में आ गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या 'अम्मा' की तरह 'चिनम्मा' भी लोगों के दिलों में जगह बना पाएंगी या नहीं?
तमिलनाडु चुनाव से ठीक पहले शशिकला ने राजनीति से लिया संन्यास