लोकसभा चुनाव 2019: दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: दिल्ली के स्वर्णिम इतिहास को अपनी गोद में सजाये हुई एक जगह है, जिसका नाम है दक्षिणी दिल्ली। एक तरफ यमुना नदी दूसरी तरफ नई दिल्ली की चकाचौंध और साथ में फरीदाबाद और गुड़गांव के बॉर्डर से घिरी दक्षिणी दिल्ली में तमाम ऐतिहासिक इमारते हैं। यही कारण है कि इसे दिल्ली का ऐतिहासिक जिला कहा जाता है। दिल्ली की दक्षिणी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के रमेश बिधूड़ी मौजूदा सांसद हैं। साल 2014 में रमेश बिधूड़ी पहली बार सांसद चुने गये। उन्होंने आम आदमी पार्टी के कर्नल देविंदर शेहरावत को एक लाख सात हजार वोटों से हराया था। रमेश बिधूड़ी को कुल 4 लाख 97 हजार वोट मिले, जबकि कर्नल शेहरावत के खाते में 3 लाख 90 हजार वोट आये थे। 2014 की मतदाता सूची में कुल 1,752,741 लोगों का नाम वोटर लिस्ट में था। जिनमें 1,005,289 पुरुष और 747,452 महिलाएं शामिल थीं। पिछली बार कुल 63 फीसदी वोट पड़े। यानी 11 लाख 2 हजार लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया।
दक्षिणी
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
इतिहास
के
पन्ने
पलटें
तो
आप
देखेंगे
कि
यह
सीट
1967
में
अस्तित्व
में
आयी।
तब
से
लेकर
अब
तक
यहां
पर
भारतीय
जनता
पार्टी
का
जोर
अधिक
रहा।
भाजपा
ने
जहां
इस
सीट
पर
7
बार
जीत
दर्ज
की,
वहीं
कांग्रेस
पार्टी
यहां
से
4
बार
जीती।
भाजपा
के
दिग्गज
नेता
मदन
लाल
खुराना,
सुषमा
स्वराज
और
विजय
कुमार
मल्होत्रा
यहां
से
दो-दो
बार
सांसद
रह
चुके
हैं।
ये
तीनों
ही
लगातार
दो
बार
यहां
से
चुनाव
जीते
थे।
रमेश
बिधूड़ी
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
पेशे
से
वकील
रहे
57
वर्षीय
रमेश
बिधूड़ी
संसद
पहुंचने
के
बाद
काफी
सक्रिय
सांसद
रहे।
उन्होंने
मई
2014
से
लेकर
दिसंबर
2018
तक
कुल
85
परिचर्चाओं
में
हिस्सा
लिया।
जबकि
दिल्ली
के
सांसदों
का
औसत
61.7
रहा
और
देश
का
औसत
63.8।
हालांकि
वे
प्रश्न
पूछने
के
मामले
में
थोड़ा
पीछे
रहे।
उन्होंने
दिसंबर
2018
तक
कुल
180
सवाल
पूछे।
जबकि
राज्य
का
औसत
290
और
राष्ट्रीय
औसत
273
रहा।
उन्होंने
6
प्राइवेट
मेंबर
बिल
भी
पेश
किये।
और
इन
सबके
बीच
उन्होंने
94
प्रतिशत
उपस्थिति
दर्ज
की।
यानी
वे
निरंतर
संसद
जाते
रहे।
बिधूरी इस परम्परा को आगे बढ़ा पायेंगे या नहीं, यह तो जनता के हाथ में है, लेकिन हां उनकी राहें कितनी कठिन हैं और कितनी आसान, इसका आंकलन आप यहां के चुनावी समीकरण को देख कर लगा सकते हैं। पिछले चुनाव में बिधूरी का वोट प्रतिशत 45 फीसदी था, जबकि आम आदमी पार्टी के कर्नल शेहरावत के पास 35 फीसदी वोट गये थे। हालांकि कांग्रेस के प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद रमेश कुमार को महज 11 फीसदी वोट मिले थे। जिस तरह से कांग्रेस निरंतर मोदी सरकार के कार्यों पर लगातार प्रहार कर रही है, उससे साफ है कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ेगा जरूर। अब दक्षिण दिल्ली में बढ़ेगा या नहीं, यह आम आदमी पार्टी के रिपोर्ट कार्ड पर भी निर्भर करेगा। वैसे कुल मिलाकर यहां आप और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर की संभावना दिखाई दे रही है।
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