पांच साल के 'गुड गर्वनेंस' के बाद पीएम मोदी ने नितिन गडकरी को दिया यह ईनाम
नई दिल्ली। अब से कुछ घंटों बाद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री दूसरी बार शपथ ले लेंगे। पीएम मोदी के साथ उनके कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। इस कैबिनेट में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के करीबी और नागपुर से चुनाव जीतने वाले नितिन गडकरी का नाम भी दोबारा शामिल किया गया है।पुरानी सरकार में उनके पास सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय था। इसके अलावा उनके पास जलसंसाधन मंत्रालय भी था। माना जा रहा है उनके बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए और उनकी बेहतर परफॉर्मेंस को देखते हुए पीएम मोदी ने उन्हें फिर से चुनकर उन्हें एक तरह से अवॉर्ड दिया है।
दिन पर दिन बढ़ी गडकरी की लोकप्रियता
गडकरी साल 2014 में सत्ता में आने वाली बीजेपी सरकार के उन मंत्रियों में शामिल रहे हैं जिनकी लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ी है। नितिन गडकरी को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में फ्लाइ ओवर्स, पुल और एक्सप्रेस के निर्माण कार्य का श्रेय दिया जाता है। केंद्र की राजनीति में करीब से नजर रखने वाले उन्हें मोदी सरकार का एक सफल मंत्री करार देते हैं। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि गुरुवार की सुबह उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए फोन किया गया। कहा जाता है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लागू कराने में भी गडकरी ने एक अहम रोल अदा किया था।
नागपुर में मिली है एतिहासिक जीत
गडकरी ने नागपुर सीट पर लोकसभा चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की है। यहां पर उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के उम्मीदवार नाना पटोल को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है। नाना पटोले पहले बीजेपी में ही थे लेकिन बाद में बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो गए। गडकरी के लिए नागपुर की अहमियत कहीं ज्यादा है। यह शहर उनका गृहनगर तो है ही साथ ही साथ इस शहर को आरएसएस की विचारधारा की आधारशिला भी कहा जाता है।
सिर्फ 24 वर्ष की उम्र में बीजेपी के सचिव
बीजेपी पर आरएसएस का प्रभाव काफी करीब से देखा जा सकता है। गडकरी ने एक छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीति करियर शुरू किया था। सन् 1976 में गडकरी अखिल भारतीय विद्या परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और देखते ही देखते राजनीति में नए पायदान छूने लगे। सिर्फ 24 वर्ष की उम्र में गडकरी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रेसीडेंट बने। इसी समय उन्हें नागपुर शहर में बीजेपी का सचिव भी नियुक्त किया गया।
1992 में आया राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़
सन् 1992 में गडकरी ने नागपुर में नगर महापालिका का चुनाव जीता। इस जीत ने बीजेपी के सदस्य के तौर पर उनके राजनीतिक करियर को स्थापित करने में बड़ा रोल अदा किया। बाद में उन्हें महाराष्ट्र की केबिनेट में भी लोक कल्याण मंत्री बनाया गया। 42 वर्ष की उम्र में वह महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता बन गए थे। साल 2014 में नागपुर से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और इसमें भी जीत दर्ज की।