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जानें विक्रम कोठारी के अर्श से फर्श पर पहुंचने की दास्तां, कभी थे पेन किंग, आज कर्जों में डूबे

By Rahul Sankrityayan
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PNB fraud: Nirav Modi जैसे Vikram Kothari पर भी है हज़ारों करोड़ का Loan | वनइंडिया हिंदी

कानपुर। रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जद में हैं। कानपुर में आज CBI ने उनसे पूछताछ की और उनके घर समेत दफ्तर में छापेमारी की। कोठारी पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से 800 करोड़ रुपए का ऋण लिया है, जिसको वो लौटा नहीं रहे हैं। हालांकि कोठारी ने सामने आ कर कहा है कि 'हां, मैंने बैंक से लोन लिया है लेकिन यह कहना गलत है कि मैं वापस नहीं लौटाउंगा। मैं कानपुर में रहताहूं और कानपुर में ही रहूंगा। मैं यहां से कहीं और नहीं जा रहा हूं, भारत से ज्यादा अच्छा देश कोई नहीं है।' बता दें कि रोटोमैक का वजूद बनाने में कोठारी ने काफी मेहनत की। सलमान खान सरीखे हीरो इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर हुआ करते थे। रोटोमैक पेन के लिए सलमान ने काफी विज्ञापन किए थे। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं विक्रम कोठारी और कैसे अर्श से फर्श पर आया इनका सफर।

3,747 करोड़ रुपए का कर्ज

3,747 करोड़ रुपए का कर्ज

कानपुर के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोठारी पर 3,747 करोड़ रुपए का कर्ज है जो उन्होंने 4 बैंकों से लिया है। इतना ही नहीं बीते साल ही उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया गया। उन पर 600 करोड़ रुपए का बाउंस चेक देने का केस भी दर्ज हो चुका है, जिसके लिए भी पुलिस उन्हें तलाश रही थी।

दो हिस्सों में बंटा पिता का व्यापार

दो हिस्सों में बंटा पिता का व्यापार

मशहूर उद्योगपति एमएम कोठारी के बेटे विक्रम कोठारी ने पिता के देहांत के बाद उनका स्टेशनरी का बिजनेस संभाला। उनके भाई दीपक ने पान मसाला का व्यवसाय को संभाला। विक्रम कोठारी को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी सम्मानित कर चुके हैं। एमएम कोठारी के दो व्यवसाय पान पराग और रोटोमैक को दीपक और विक्रम ने दो हिस्सों में बांटा।

पेन, स्टेशनरी और ग्रीटिंग्स कार्ड्स बनाना शुरू किया

पेन, स्टेशनरी और ग्रीटिंग्स कार्ड्स बनाना शुरू किया

दीपक कोठारी ने प्रोडक्ट्स में 22.5 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी थी। दीपक ने विक्रम को शेयर के पैसे दिए। इसके बाद विक्रम ने रोटोमैक इंडस्ट्री में कदम जमाया जिसमें उन्होंने पेन, स्टेशनरी और ग्रीटिंग्स कार्ड्स बनाना शुरू किया। एमएम कोठारी यह फैसला कर गए थे कि बोर्ड में दोनों भाई साझेदार रहेंगे लेकिन विक्रम और उनकी पत्नी ने आपसी सहमति से बोर्ड को छोड़ दिया था।

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English summary
Profile of rotomac pen company owner vikram kothari kanpur
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