लोकसभा चुनाव 2019: पेड्डापल्ले लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की पेड्डापल्ले लोकसभा सीट से तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता बालका सुमन साल 2014 में सांसद चुने गए थे। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी जी. विवेकानंद को 291, 158वोटों से हराया था। बालका सुमन को यहां पर 4,65,496 वोट मिले थे तो वहीं जी. विवेकानंद को केवल 1,74,338 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। आपको बता दें कि 17 दिसंबर 2018 को बालका सुमन ने लोकसभा पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद ये सीट रिक्त हो गई है।
पेड्डापल्ले
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
पेड्डापल्ले
लोकसभा
सीट
1962
में
अस्तित्व
में
आई,
यह
सीट
अपने
अस्तित्व
के
समय
से
ही
कांग्रेस
पार्टी
का
मजबूत
गढ़
रही
है,
बीच-बीच
में
तेलुगू
देशम
और
तेलंगाना
प्रजा
समिति
भी
यहां
से
जीतती
रही
हैं,
तेलंगाना
राज्य
बनने
के
बाद
से
यहां
पर
पहली
बार
टीआरएस
ने
चुनाव
जीता
था,
यहां
पर
हुए
लोकसभा
चुनावों
में
से
नौ
बार
कांग्रेस
को
जीत
मिली
है,
तीन
बार
तेलुगू
देशम
पार्टी
और
एक-एक
बार
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
और
तेलंगाना
प्रजा
समिति
को
जीत
मिली
है.
यहां
से
कांग्रेस
के
नेता
और
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
जी.
वेंकट
स्वामी
सबसे
ज्यादा
चार
बार
सांसद
रहे
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
कांग्रेस
का
यहां
हारना
उसके
लिए
बहुत
बड़ा
झटका
था।
पेड्डापल्ले
लोकसभा
सीट
के
अंतर्गत
सात
विधानसभा
सीटें
आती
हैं,
ये
चेन्नुर,
बेल्लामपल्ली,
मन्चेरियल,
पेड्डापल्ले,
धर्मापुरी,
रामागुन्डम
और
मन्थानी
सीटें
हैं.
इनमें
से
चेन्नुर,
बेल्लामपल्ली
और
धर्मापुरी
अनुसूचित
जाति
के
लिए
सुरक्षित
हैं,
बाकी
की
चार
सीटें
अनारक्षित
हैं।
पेड्डापल्ले
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
पेड्डापल्ले
लोकसभा
सीट
तेलंगाना
के
आदिलाबाद
और
करीमनगर
जिले
में
स्थित
है,
पेड्डापल्ले
जिले
में
रामागुंडम
नामक
शहर
शिक्षण
संस्थानों
और
उद्योगों
का
केंद्र
है,
यहां
के
निवासियों
का
मुख्य
व्यवसाय
खेती
है,
पेड्डापल्ले
लोकसभा
सीट
SC
वर्ग
के
लिए
सुरक्षित
है,
यहां
की
जनसंख्या
18,91,579
है,
जिसमें
से
65.22%
लोग
गांवों
में
और
34.78%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं।
यहां
12
प्रतिशत
लोग
SC
वर्ग
के
और
4
प्रतिशत
लोग
ST
वर्ग
के
हैं।
बालका
सुमन
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पेड्डापल्ले
से
सांसद
बालका
सुमन
की
लोकसभा
में
उपस्थिति
52%
रही
और
इस
दौरान
इन्होंने
मात्र
9
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
और
272
प्रश्न
पूछे
थे,
वह
इस
दौरान
सदन
में
2
प्राइवेट
मेंबर
बिल
भी
लेकर
आए
थे,
बालका
सुमन
को
अपने
संसदीय
क्षेत्र
में
काम
करने
के
लिए
सांसद
निधि
से
12.50
करोड़
रुपये
मिले,
जो
ब्याज
समेत
मिलाकर
15.30
करोड़
हो
गई
थी.
इसमें
से
उन्होंने
13.27
करोड़
रुपये
खर्च
किए
थे,
उनके
फंड
के
2.02
करोड़
रुपये
बिना
खर्च
हुए
रह
गए
थे।
साल 2014 के चुनाव में यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,25,361 थी, जिसमें से केवल 10,22,184 लोगो ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,20,598 और महिलाओं की संख्या 5,01,586 थी। पिछले चुनाव में टीआरएस ने यहां पर कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी लेकिन क्या इस बार भी वो कुछ ऐसा कमाल यहां करेगी, ये एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब चुनावी नतीजें देंगे, आपको बता दें कि साल 2014 के चुनाव में टीआरएस ने लोकसभा की 17 में 11 सीटें जीती थीं लेकिन बाद में टीडीपी, वायएसआर कांग्रेस और कांग्रेस का एक-एक सांसद टीआरएस में शामिल हो गए थे, जबकि कांग्रेस के खाते में मात्र दो सीटें आई थी। देखते हैं इस बार यहां की जनता किसके नाम पर मुहर लगाती है।
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