जानिए ओम बिड़ला के बारे में सबकुछ, जो बनने वाले हैं लोकसभा के नए स्पीकर
नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के नए स्पीकर होंगे। लोकसभा अध्यक्ष का नाम घोषित किए जाने के साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंका दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव आज यानी कि 18 जून को होना है और इस पद को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। बीजेपी से जीतकर आए वरिष्ठ नेताओं के नाम पर मंथन चल रहा था। ओम बिड़ला का नाम कहीं चर्चा में नहीं था। ओम बिड़ला आज लोकसभा अध्यक्ष के लिए नामंकन दाखिल करेंगे। सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाकर पीएम मोदी ने संदेश दिया है कि अहम पदों के लिए सिर्फ अनुभव ही नहीं और भी समीकरण मायने रखते हैं। तो आइए आपको बताते हैं ओम बिड़ला के बारे में सबकुछ
3 बार विधायक और 2 बार सांसद ओम बिड़ला सामाजिक कार्यों में लेते हैं बढ़-चढ़कर हिस्सा
अगर राजनीतिक करियर की बात करें तो 4 दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला 2014 में 16 वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा इसी सीट से सांसद बने। इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक बने। इस प्रकार वह कुल तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। ओम बिड़ला सामाजिक कार्यों के लिए कोटा में काफी मशहूर हैं। वह सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वे विभिन्न माध्यमों के द्वारा सामाजिक सेवा, राष्ट्र सेवा, गरीब, वृ्द्ध, विकलांग और असहाय महिलाओं की सहायता करने में रुचि रखते हैं। विकलांगों को मुफ्त साइकिलें, व्हीलचेयर और कान की मशीन प्रदान की गई।
बूथ मैनेजमेंट है ओम बिड़ला की सबसे बड़ी ताकत
बिड़ला एक बार राज्य सरकार में संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। बूथ मैनेजमेंट बिड़ला की सबसे बड़ी ताकत बताई जाती रही है। बिड़ला क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने वाले जनप्रतिनिधि रहे हैं। वो पूर्व में लंबे समय तक भाजयुमो में कार्य कर चुके हैं।
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पर्यावरण से काफी लगावा है ओम बिड़ला को
बढ़ते प्रदूषण की जांच और हरियाली में कमी के लिए कोटा में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए उन्होंने एक प्रमुख "ग्रीन कोटा वन अभियान" लॉन्च किया। नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना तैयार करके ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने राजस्थान के बारा जिला में सहिया आदिवासी इलाके में कुपोषण और अर्ध-बेरोजगारी को हटाने के लिए मिशन का नेतृत्व किया।
2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया
राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया। 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया। यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था।
पत्नी हैं डॉक्टर
परिवार की बात करें तो पत्नी अमिता बिड़ला पेशे से चिकित्सक हैं। पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और माता का नाम शकुंतला देवी हैं। दो बेटे और दो बेटियां हैं। लोकसभा अध्यक्ष बनने की सूचना के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। ओम की पत्नी अमिता बिड़ला ने कहा कि यह गर्व की बात है और इससे परिवार में सभी लोग खुश हैं। हम इसके लिए मोदी कैबिनेट को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने ओम को इस जिम्मेदारी के लिए चुना।