लोकसभा चुनाव 2019: मेदिनीपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद तणमूल कांग्रेस की संध्या रॉय हैं। उन्होंने सीपीआई के प्रबोध पांडा को 184,666 वोटों के अंतर से हराया था। वो साल 2014 में जीत के साथ वो पहली बार सांसद बनीं। साल 2014 में यहां 1,499,673 लोगों में से 647,026 पुरुष और 613,006 महिलाओं ने वोट दिया। यहां इस आम चुनाव में वोट प्रतिशत 84 फीसदी रहा। मेदिनीपुर को साल 1997 में मेगा सिटी परियोजना में शामिल किया गया था। इस संसदीय सीट की कुल जनसंख्या 2,166,808 है, जिनमें लगभग आधे हिन्दू और आधे मुसलमान हैं। वहीं 76.27 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और 23.73 फीसदी लोग शहर में। यहां 15.23 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जन जाति वर्ग की है, जबकि 12.68 फीसदी लोग अनुसूचित जन जाति के हैं।
मई 2014 से लेकर दिसंबर 2018 तक संध्या रॉय ने संसद के अंदर मात्र एक डिबेट में हिस्सा लिया। जबकि राज्य के सभी सांसदों का औसत 32.2 का है और राष्ट्रीय औसत 63.8 है। वहीं न तो उन्होंने एक भी प्रश्न पूछा और न ही कोई प्राइवेट मेंबर बिल लायीं। प्रश्नों की बात करें तो पश्चिम बंगाल के सांसदों का औसत 88 प्रश्नों का रहा। जबकि इसी दौरान राष्ट्रीय औसत 273 का था। वहीं संध्या रॉय ने संसद में 52 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करायी। जबकि राज्य का औसत 65 प्रतिशत का था।
साल 1952 से लेकर अब तक यहां पर लाल झंडे का वर्चस्व कायम रहा है। 2014 के चुनाव में ऑल इंडिया तृणमूल कांगेस ने लाल झंडा यहां से उखाड़ फेंका। 2014 के पहले यहां पर सीपीआई बेहद हावी थी, लेकिन ममता सरकार के आने के बाद यहां तृणमूल का झंडा लहराया। यह झंडा यूं ही लहराता रहेगा, या नहीं यह ममता की राजनीति को दखने के बाद जनता तय करेगी। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा का वोट बैंक यहां बढ़ सकता है लेकिन पार्टी की हार होगी या जीत यह जनता तय करेगी।
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