लोकसभा चुनाव 2019: मथुरा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट 2014 में भाजपा नेता और मशहूर अभिनेत्री हेमामालिनी ने रालोद के जयंत चौधरी को हराकर जीती थी। हेमामालिनी ने यहां जयंत चौधरी को 330743 वोटों से हराया, उस साल यहां RLD दूसरे, BSP तीसरे और सपा चौथे नंबर पर रही। मथुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं, जिनके नाम हैं छाता, मंत,गोवर्धन, मथुरा और बलदेव, जिसमें बलदेव सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
राजनीतिक घटनाक्रम:
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चौधरी दिगंबर सिंह ने यहां जीत हासिल की थी, वो 2 बार और इसी सीट से जीते, 1967 के चुनाव में निर्दलीय नेता गिरिराज सरन सिंह यहां के सांसद बने, 1971 में फिर से मथुरा सीट कांग्रेस नेता चकलेश्वर सिंह मथुरा के सांसद बने, इसके बाद 1977 भारतीय लोकदल के नेता मणि राम बागरी भारी मतों से विजयी हुए। 1980 के चुनाव में चौधरी दिगंबर सिंह ने फिर बाज़ी मारी, 1984 में कांग्रेस के टिकट पर मानवेन्द्र सिंह मथुरा में जीते लेकिन इसके अगले चुनाव में मानवेन्द्र सिंह जनता दल की टिकट पर यहां जीत दर्ज की। 1991 भाजपा नेता स्वामी साक्षी जी मथुरा के सांसद की कुर्सी पर बैठे, इसके बाद 3 बार और भाजपा मथुरा में जीती पर स्वामी जी के बाद चौधरी तेजवीर सिंह ने ये पद संभाला। 2004 के चुनाव में मानवेन्द्र सिंह दोबारा कांग्रेस के टिकेट पर यहां विजयी हुए, 2009 में राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी मथुरा के संसदीय क्षेत्र से सांसद बने लेकिन साल 2014 में हेमामालिनी ने यहां जीत दर्ज की।
मौजूदा सांसद के बारे में
हेमामालिनी के परफार्मेंस की बात करें तो पिछले 5 सालों के दौरान उनकी लोकसभा में उपस्थिति मात्र 39 प्रतिशत रही और इस दौरान उन्होंने मात्र 17 डिबेट में हिस्सा लिया और 209 प्रश्न पूछे, जो किसी भी लिहाज से अच्छा रिकार्ड नहीं कहा जा सकता है। साल 2014 में यहां पर 1682260 मतदाताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें 55 प्रतिशत पुरुष और 44 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।
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