लोकसभा चुनाव 2019: मंडी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के नेता रामस्वरुप शर्मा सांसद हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 39,856 वोटों से हराकर यह सीट अपने नाम की थी। मंडी को हिल्स की वाराणसी के नाम से जाना जाता है। यह जगह हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी के तट पर स्थित है। इस ऐतिहासिक शहर को पहले मांडव नगर के नाम से जाना जाता था जो महान साधु मांडव के नाम पर आधारित था। मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 2) में कुल मतदाताओं की संख्या 11,50,408 है। इनमें से 5,87,833 मतदाता पुरुष हैं और 5,62,575 महिलाएं हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में 7,26,094 लोगों मतदान किया था। इनमें 3,77,569 मतदाता पुरुष और 3,48,525 मतदाता महिलाएं थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 63 फीसदी मतदान हुआ था। 1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है।
राजनीतिक घटनाक्रम:
अगर बात मंडी लोकसभा सीट के राजनीतिक घटनाक्रम की करें तो इस सीट पर आजादी के बाद सबसे अधिक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। 1957 में कांग्रेस के जोगिंदर सेन पहले सांसद चुने गए थे। 1962 और 1967 इस सीट के कांग्रेस के ललित सेन चुनाव जीते। 1971 में इस सीट से मंडी राजपरिवार से संबंध रखने वाले वीरभद्र सिंह चुनाव जीते। 1977 में बीएलडी के गंगा सिंह ने वीरभद्र सिंह को हरा सीट पर कब्जा किया। 1980 और 1984 में इस सीट से कांग्रेस के वीरभद्र सिंह औऱ सुखराम सिंह सांसद चुने गए। 1989 के चुनाव में पहली बार इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया। 1991 में कांग्रेस ने इस सीट को बीजेपी से छीन लिया। 1991 और 1996 में कांग्रेस की टिकट से सुखराम सिंह चुनाव जीते। 1998 और 1999 में इस सीट से बीजेपी के महेश्वर सिंह ने चुनाव जीता। 2004 के चुनाव में कांग्रेस के नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को टिकट दिया। प्रतिभा सिंह ने 1998 की हार का बदला लेते हुए महेश्वर सिंह को चुनाव में हरा दिया। 2009 में इस सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर से कब्जा जमाया। 2014 में मोदी लहर में कांग्रेस यह सीट नहीं बचा पाई। 2014 में इस सीट से बीजेपी के रामस्वरुप शर्मा सांसद चुने गए।
मौजूदा
सांसद
के
बारे
में:
मौजूदा
सांसद
रामस्वरूप
शर्मा
मंडी
के
जोगिंदरनगर
के
रहने
वाले
हैं।
वह
पहली
बार
बीजेपी
की
टिकट
पर
सांसद
चुने
गए
हैं।
वह
बीजेपी
की
राज्य
सरकार
में
कई
अहम
पदों
पर
रह
चुके
हैं।
अगर
हम
उनके
पांच
साल
के
कार्यकाल
पर
नजर
डालें
तो
उन्होंने
पांच
साल
में
लोकसभा
में
57
प्रश्न
पूछे,
जबकि
उन्होंने
20
डिबेट
में
हिस्सा
लिया।
वहीं
अगर
उनकी
लोकसभा
में
उपस्थिति
की
बात
करें
तो
वे
मई
2014
से
दिसंबर
2018
के
बीच
उनकी
उपस्थिति
85
फीसदी
रही।
मंडी
एक
ग्रामीण
सीट
है।
इस
सीट
पर
एसी
मतदातों
की
काफी
प्रभुत्व
माना
जाता
है।
मंडी एक परिचय: प्रमुख बातें
- मंडी जनसंख्या के लिहाज से शिमला के बाद यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।
- मंडी नाम संस्कृत शब्द मंडोइका से बना है जिसका अर्थ होता है खुला क्षेत्र।
- आधिकारिक तौर पर जिला मंडी कुल्लू, बिलासपुर और हमीरपुर, एक सहित मध्य क्षेत्र के जिलों का मुख्यालय शहर है।
- मंडी को हिल्स की वाराणसी या छोटी काशी के नाम से जाना जाता है।
- व्यास नदी के किनारे बसा हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक नगर मंडी लंबे समय से व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र रहा है।
- यहां 300 से ज्यादा हिंदू धर्म के मंदिर स्थित है जो भगवान शिव और मां काली को समर्पित है। यहां के प्राचीन मंदिरों में पंचवक्रता मंदिर, अर्द्धनारीश्वेर मंदिर और त्रिलोकनाथ मंदिर शामिल है।
- यहां का भूतनाथ मंदिर इलाके का सबसे प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण 1520 ई. में किया गया था।