लोकसभा चुनाव 2019: जालना लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की जालना लोकसभा सीट से भाजपा के रावसाहब दानवे सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के औताड़े विलास केशवराव को 20, 67, 98 वोटों से हराया था। उस साल रावसाहब दानवे को 591,428 वोट मिले थे तो वहीं विलास केशवराव को 38,46, 30 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी, उस साल यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 16,12,054 थी, जिसमें से मात्र 10,66,259 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,96,359 और महिलाओं की संख्या 4,69,900 थी। जालना में 60 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की और 27 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिमों की है।
जालना
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
जालना
संसदीय
क्षेत्र
में
विधानसभा
की
6
सीटें
आती
हैं,
साल
1951
में
यहां
पहली
बार
आम
चुनाव
हुए
थे,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था।
साल
1957
का
चुनाव
में
भी
यहां
कांग्रेस
ही
विजयी
हुई,
इसके
बाद
साल
1971
तक
यहां
पर
केवल
कांग्रेस
का
ही
राज
रहा,
उसकी
विजयी
यात्रा
में
सेंध
लगाई
जनता
पार्टी
ने,
जिसने
की
साल
1977
का
चुनाव
यहां
पर
जीता।
हालांकि
1980
में
एक
बार
फिर
से
यहां
पर
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
1984
तक
उसने
यहां
पर
शासन
किया
लेकिन
1989
का
चुनाव
कांग्रेस
यहां
हार
गई
और
भारतीय
जनता
पार्टी
को
यहां
पहली
बार
विजय
श्री
हासिल
हुई
लेकिन
1991
का
चुनाव
एक
बार
फिर
से
कांग्रेस
ने
यहां
पर
जीता
लेकिन
1996
के
चुनाव
में
एक
बार
फिर
से
यहां
पर
भाजपा
को
सफलता
मिली
और
उत्तम
सिंह
पवार
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे,
वो
दो
बार
इस
सीट
पर
लगातार
सांसद
रहे
और
तब
से
लेकर
अब
तक
यहां
पर
भाजपा
का
ही
राज
है।
साल
1999
से
लेकर
अब
तक
रावसाहब
दानवे
ही
यहां
की
सांसद
की
कुर्सी
पर
विराजमान
हैं।
जालना,
परिचय-प्रमुख
बातें-
महाराष्ट्र
के
प्राचीन
शहर
जालना
का
इतिहास
बहुत
पुराना
है,
यह
शहर
कई
साम्राज्यों
के
विख्यात
राज
का
गवाह
रहा
है,
मुग़लों
से
लेकर
शिंदे
और
निज़ाम
शासकों
तक
ने
यहां
लंबा
शासन
किया
है,
कुंडलिका
तट
पर
स्थित
इस
शहर
में
कई
ऐतिहासिक
आकर्षण
भी
हैं
जो
इस
शहर
को
और
खास
बनाते
हैं।
जैनधर्म
के
लोगों
का
पवित्र
स्थल,
गुरू
गणेश
भवन
यहां
होने
की
वजह
से
यह
धरती
आस्था
का
केंद्र
है।
बहुत
सारी
सांस्कृतिक
विरासत
को
संजोए
जालना
की
कुल
जनसंख्या
23
लाख
81
हजार
925
है,
जिसमें
से
78
प्रतिशत
आबादी
गांवों
में
और
21
प्रतिशत
लोग
शहरों
में
रहते
हैं।
रावसाहब
दानवे
चौथी
बार
यहां
से
सांसद
बने
हैं,
उन्हें
केंद्र
में
राज्यमंत्री
बनने
का
भी
मौका
मिला,
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
5
सालों
के
दौरान
उनकी
लोकसभा
में
उपस्थिति
58
प्रतिशत
रही
है
और
इस
दौरान
उन्होंने
मात्र
6
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
101
प्रश्न
पूछे
हैं।
जालना
लोकसभा
सीट
भाजपा
का
गढ़
बन
गई
है
और
1991
के
बाद
से
यहां
कांग्रेस
को
जीत
नसीब
नहीं
हुई
है,
हालांकि
इस
सीट
पर
कांग्रेस
और
भाजपा
के
ही
मध्य
मुकाबला
होता
रहा
है,
बीच
में
कोई
और
पार्टी
यहां
अपनी
जगह
बना
नहीं
पाई
है,
क्या
इस
बार
भी
यह
सीट
भाजपा
के
ही
खाते
में
जाएगी
या
फिर
कुछ
चौंकाने
वाले
परिणाम
हमें
देखने
को
मिलेंगे,
इस
सवाल
का
जवाब
जानने
के
लिए
हम
सभी
को
चुनाव
परिणामों
तक
का
इंतजार
करना
होगा।
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