अर्जन सिंह ने ही भेजा था पाकिस्तान के खिलाफ पहला लड़ाकू विमान, जानें पूरा प्रोफाइल
अर्जन सिंह, जिन्होंने 1965 में पाकिस्तान को चटाई धूल
नई दिल्ली। एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। बेहद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनका निधन हो गया। वह 1964 से 1969 तक भारतीय वायुसेना के चीफ रहे थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ने की खबर सुनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उन्हें देखने के लिए पहुंचे थे। अर्जन सिंह को 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में वीरता के लिए याद किया जाता है।
पाकिस्तान को किया परास्त
आपको जानकर हैरानी होगी कि देश जब आजाद हुआ तो स्वतंत्रता दिवस समारोह में 12 विमान शामिल हुए थे। उस टीम का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन अर्जन सिंह ने ही किया था।
अर्जन सिंह के बारे में एक किस्सा बेहद मशहूर है। बात 1 सिंतबर 1965 की है। तत्कालीन रक्षामंत्री वायबी चव्हाण ने वायुसेना से पूछा कि यदि सेना आपसे मदद मांगे तो कितने समय में वायुसेना मदद दे सकेगी।
तब अर्जन सिंह ने कहा महज एक घंटे में। अर्जन सिंह ने तत्काल आदेश जारी किए और 26 मिनट में वायुसेना का पहला लड़ाकू विमान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उड़ान भर चुका था।
व्हीलचेयर पर आए थे एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह का जन्म पंजाब के ल्यालपुर में 15 अप्रैल 1919 को हुआ था। यह इलाका अब अब पाकिस्तान में है, जिसे आज लोग फैसलाबाद के नाम से जानते हैं।
पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह एक मात्र ऐसे ऑफिसर हैं, जिन्हें फाइव स्टार रैंक दिया गया था। फाइव स्टार रैंक फील्ड मार्शल के बराबर होता है। अर्जन सिंह ही केवल ऐसे चीफ ऑफ एयर स्टॉफ हैं जिन्होंने एयरफोर्स प्रमुख के तौर पर लगातार पांच साल अपनी सेवाएं दीं।
अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के एक मात्र फाइव स्टार रैंक ऑफिसर हैं।अर्जन सिंह 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक चीफ ऑफ एयर स्टाफ रहे। 1965 की लड़ाई में अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए उन्हें एयर चीफ मार्शल के पद पर प्रमोट किया गया था।
अर्जन सिंह को 1971 में स्विट्जरलैंड में भारत का एंबेसडर भी नियुक्त किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन के वक्त अर्जन सिंह व्हील चेयर पर श्रद्धांजलि देने के लिए पालम एयरपोर्ट पर गए थे। उस वक्त अर्जन सिंह की उम्र 96 वर्ष थी।
19 साल की उम्र में आए एयरफोर्स कॉलेज
अर्जन सिंह ने 19 साल की उम्र में रॉयल एयरफोर्स कॉलेज ज्वॉइन किया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अर्जन सिंह ने बर्मा में बतौर पायलट वीरता का प्रदर्शन किया।
अर्जन
सिंह
को
1964
में
चीफ
ऑफ
एयर
स्टॉफ
बनाया
गया
था।
1965
में
पाकिस्तान
के
खिलाफ
जंग
में
अर्जन
सिंह
ने
वायुसेना
का
नेतृत्व
किया
था।
एयरफोर्स
मार्शल
अर्जन
सिंह
की
हालत
गंभीर,
पीएम
मोदी
और
रक्षामंत्री
देखने
पहुंचे