गौरी लंकेश: दक्षिणपंथी विचारधारा की आलोचक पर चलाईं थीं 7 गोलियां, अमेरिका तक ने की थी निंदा
देश की जानी-मानी पत्रकार गौरी लंकेश की कुछ लोगों ने उनके बेंगलुरू स्थित घर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरी लंकेश भारतीय पत्रकारिता में जाना-माना नाम थी। वो दक्षिणपंथी विचारधारा की खुली आलोचक रहीं थीं और इन्हीं वैचारिक मतभेद के चलते उनकी हत्या कर दी गई।
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नई दिल्ली। देश की जानी-मानी पत्रकार गौरी लंकेश की कुछ लोगों ने उनके बेंगलुरू स्थित घर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरी लंकेश भारतीय पत्रकारिता में जाना-माना नाम थी। वो दक्षिणपंथी विचारधारा की खुली आलोचक रहीं थीं और इन्हीं वैचारिक मतभेद के चलते उनकी हत्या कर दी गई।
गौरी लंकेश पत्रकारिता का वो नाम थीं जो कभी अपने विचार रखने से नहीं डरीं। गौरी ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत बेंगलुरू के ही एक अंग्रेजी अखबार से की थी। उनके पिता पी लंकेश कन्नड़ भाषा में साप्ताहिक 'पत्रिका' निकालते थे। उनके निधन के बाद गौरी ने इसके संपादक पद का कार्यभार संभाला मगर कुछ सालों बाद छोड़ दिया।
गौरी ने इसके बाद अपने नाम से साप्ताहिक निकाला। वामपंथी विचारधार से प्रभावित गौरी दक्षिणपंथी विचारधारा और हिंदुत्ववादी राजनीति की कड़ी आलोचक थीं। वो कई बार इसके खिलाफ अपनी बेबाक राय रखती थीं। इस चक्कर में वो चरमपंथियों के निशाने पर थीं।
5 सितंबर को तीन लोगों ने उन्हें उनके घर में ही गोली मारकर हत्या तक दी। जब वो ऑफिस से घर लौट रहीं थीं तो तीन लोगों ने उनपर 7 गोलियां चलाईं। भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित कई लोगों और संगठनों की हत्या की निंदा की गई थी। गौरी लंकेश की मृत्यु का विरोध पूरे भारत में हुआ था।
अमेरिका ने भी उनकी हत्या की निंदा करते हुए प्रेस की आजादी की वकालत की थी। गौरी लंकेश की हत्या से जहां पत्रकारिता जगत सदमे में थी वहीं कुछ लोगों ने उनकी मौत को सही बताया था। एक शख्स ने उनकी मौत को सही बताते हुए उनके लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि इस ट्विटर अकाउंट को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते थे।