महाराष्ट्र चुनाव 2019: जानिए चेंबूर विधानसभा सीट के बारे में
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही तमाम राजनीतिक दलों में सियासी दांवपेंच का खेल शुरू हो गया है। प्रदेश में मुख्य राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हैं, जिन्होंने इस चुनावी समर में जीत का दावा करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं, ऐसे में किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए 145 सीटों का आंकड़ा छूना होगा। प्रदेश में चुनाव 21 अक्टूबर को होगा, जबकि नतीजों की घोषणा 24 अक्टूबर को की जाएगी। महाराष्ट्र में चेंबूर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पिछले चुनाव में शिवसेना के प्रकाश वैकुंठ फटेरपेकर ने चुनाव में जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के चंद्रकांत दामोदर हंदोरे उपविजेता रहे थे।
शिवसेना का परचम
प्रकाश वैकुंठ को कुल 33.99 फीसदी यानि 44410 वोट मिले थे और उन्होंने चंद्रकांत को 10027 वोटों के अंतर से हराया था। जबकि तीसरे पायदान पर आरपीआई दीपक सदाशिव निकलजे रहे थे ,उन्हें 26.25 फीसदी वोट मिले थे। इस सीट पर मुख्य रूप से कांग्रेस और शिवसेना के बीच मुकाबला रहता है। कांग्रेस का यहां पर स्ट्राइक रेट 75 फीसदी रहा है। अभी तक हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां पर 6 बार जीत दर्ज की है, जबकि एसएचएस ने 1978 के बाद से यहां पर एक ही बार चुनाव में जीत दर्ज की है।
आबादी, जनसंख्या
चेंबूर विधानसभा सीट मुंबई सबअर्बन जिले में आती है। यह मुंबई साउथ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसमे कुल पांच विधानसभा सीटें हैं, जिसमे मुख्य रूप से अनुशक्ति नगर, धारावी, सियोन कोलीवाड़ा, वडाला और माहिम हैं। 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार चेंबूर की कुल आबादी 1841488 है, जिसमे पुरुषों की आबादी 975,399 और महिलाओं की आबादी 866,089 है। यहां की साक्षरता दर 89.41 % है, जिसमे पुरुषों की दर 92.14 % और महिलाओं की दर 86.33 % है।
2014 विधानसभा चुनाव
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां की कुल 288 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने कुल 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सबसे बड़े दल के रुप में उभरी थी। यहां वहीं शिवसेना ने 63 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दिलचस्प बात यह है कि 25 साल के इतिहास में पहली बार शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ा था। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 42 सीटों पर जीत मिली थी। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के खाते में 41 सीटें आई थीं।
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