दंतेवाड़ा नक्सली हमले में मारे गए बीजेपी विधायक भीमा राम मंडावी का प्रोफाइल
रायपुर: लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने बड़ी वारदात का अंजाम दिया है। मंगलवार को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के कुआंकोण्डा थाना क्षेत्र के श्यामगिरी में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के काफिले में बड़ा हमला किया। इस आईईडी ब्लास्ट में बीजेपी के एक विधायक भीमा राम मंडावी की मौत हो गई। उनके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस के पांच जवान भी इस हमले में मारे गए। भीमाराम मंडावी दंतेवाड़ा से विधायक है। गौरतलब है कि मंडावी बस्तर क्षेत्र में बीजेपी के एक मात्र विधायक थे। बस्तर में 12 विधानसभा सीटें हैं। उनके अलावा 11 अन्य विधायक कांग्रेस से हैं।
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'भीमा राम मंडावी को किया था अलर्ट'
दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि बीजेपी विधायक भीमा मंडावी को पुलिस ने इलाके का दौरा नहीं करने की सलाह दी थी। उन्होंने हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमले के बाद दोनों ओर से आधे घंटे तक फायरिंग जारी रही। बीजेपी विधायक की कार के पीछे एक कार में 5 और सुरक्षाकर्मी सवार थे, हम उनका पता लगा रहे हैं।
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'भयानक आईईडी ब्लास्ट था'
एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पी सुंदर राज ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारे पास आज शाम को दंतेवाड़ा में नक्सली द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में भाजपा विधायक भीमा मंडावी, उनके ड्राइवर और 3 पीएसओ के मारे जाने की सूचना है। यह एक शक्तिशाली IED ब्लास्ट था। शवों को जल्द पहचान लिया जाएगा।
साल 2014 में इसी रास्ते पर हुआ था हमला
गौरतलब है कि जिस मार्ग में नक्सलियों ने आज ब्लास्ट किया है, साल 2014 में इसी मार्ग पर नक्सलियों ने एक वारदात को अंजाम दिया था। इसमें एक टीआई विवेक शुक्ला सहित 5 जवान शहीद हो गए थे। वहीं 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला बोला था। इसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है। इस हमले को स्पष्ट तौर पर इससे ही जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य में तीन चरणों में चुनाव है। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल को पहले चरण में होना है।
बीजेपी
विधायक
भीमा
राम
मंडावी
का
प्रोफाइल
40
साल
के
भीमा
राम
मंडावी
बस्तर
से
बीजेपी
के
एक
मात्र
विधायक
थे।
भीमा
राम
मंडावी
छत्तीसगढ़
विधानसभा
में
उपनेता
थे।
40
साल
के
भीमा
राम
मंडावी
छत्तीसगढ़
के
उभरते
हुए
आदिवासी
नेता
थे।
साल
2008
में
भीमा
मंडावी
ने
पहली
बार
विधानसभा
चुनाव
जीता
था।
भीमा
राम
मंडावी
ने
कांग्रेस
के
दिग्गज
नेता
महेंद्र
कर्मा
को
चुनाव
में
हराया
था।
भीमा
राम
मंडावी
तीन
बार
से
बीजेपी
के
विधायक
थे।
दिसंबर
2018
के
चुनाव
में
कांग्रेस
की
देवती
कर्मा
को
हराया।
वो
ग्रेजुएट
थे
और
खेती
उनका
मुख्य
व्यवसाय
थी।
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