फिल्मी दुनिया में स्टारडम के बाद कैसा रहा रवि किशन का सियासी सफर, पढ़ें, पूरा Profile
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। बीजेपी ने अपनी 21वीं सूची में उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन को टिकट दिया है। यहां से मौजूदा सांसद और सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए प्रवीण निषाद को पार्टी ने संतकबीर नगर से मैदान में उतारा है। रवि किशन का फिल्म नगरी मुंबई के बहुत की गहरा नाता है। रविकिशन का जन्म मुंबई में सांताक्रूज़ की एक चॉल में हुआ था।

रवि किशन की शादी प्रीति से हुई है
रवि किशन का परिवार उसके जन्म के दस बाद किसी विवाद के चलते मुंबई से यूपी के जौनपुर में शिफ्ट हो गया। रवि किशन का पूरा नाम रवि किशन शुक्ल है। रवि किशन के पिता एक पुजारी थे। अभिनेता रवि किशन की शादी प्रीति से हुई है। उनके तीन बेटियां और एक बेटा है। रवि किशन ने हिंदी सिनेमा और भोजपुरी सिनेमा अलावा कुछ दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी काम किया है। वि किशन ने साल 1992 में पीताम्बर फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जोकि एक बी ग्रेड फिल्म थी।

रामलीला में सीता रोल निभाते थे रवि किशन
रवि किशन का फिल्मी सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। उनका यह संघर्ष बेहद कम उम्र से ही शुरू हो गया था। जब वह मुंबई आए थे तो उनकि उम्र केवल 17 साल थी। मुंबई में सघर्ष के समय अपनी खर्च चलाने के लिए वह रामलीला में सीता रोल किया करते थे। उन्होंने सलमान खान की फिल्म 'तेरे नाम' में एक अहम रोल निभाया था, लेकिन उन्हें इससे कोई खास पहचान नहीं मिल सकी। रवि किशन ने भोजपुरी फिल्मों के अलावा तमाम बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। साल 2009 में रिलीज हुई मल्टीस्टारर फिल्म लक में वह संजय दत्त और मिथुन चक्रवर्ती के साथ नजर आए थे।
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कांग्रेस के साथ शुरू किया था सियासी सफऱ
रवि किशन भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त माने जाते हैं। वहीं रवि किशन का एक डायलॉग लोगों के बीच बहुत फेसम है.. जिंदगी झंडबा ... फिर भी घमंडबा। रवि किशन से सबसे अधिक पॉपुलरटी कलर्स के रियलिटी शो बिग बॉस से मिली थी। उसके बाद वे टीवी के एक औऱ रियलिटी शो 'झलक दिखला जा' में दिखे थे। रवि किशन अपनी निजी जिंदगी के चलते भी कई बार सुर्खियों में रहे हैं। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो 2014 में, उन्होंने कांग्रेस पार्टी की तरफ से जौनपुर सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण प्रताप सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
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