लोकसभा चुनाव 2019: निजामाबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की निजामाबाद लोकभा सीट से टीआरएस की कलवकुंतला कविता सांसद हैं, उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस के मधु गौड़ को 1,67,184 वोटों से पराजित किया था। कलवकुंतला कविता को यहां पर 4,39,307 वोट मिले थे तो वहीं मधु गौड़ को केवल 2,72,123 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर भाजपा और नंबर 4 पर WPI थी, भाजपा प्रत्याशी को 2,25,333 वोट और WPI प्रत्याशी को मात्र 43,814 वोट मिले थे।
निजामाबाद
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
निजामाबाद
लोकसभा
सीट
के
भीतर
सात
विधानसभा
सीटें
आती
हैं,
इनके
नाम
हैं
अरमुर,
बोधन,
निजामाबाद
(ग्रामीण),
निजामाबाद
(शहरी),
बालकोन्डा,
कोरातला
और
जगतियाल।
2018
में
हुए
विधानसभा
चुनावों
में
सारी
सीटों
पर
टीआरएस
को
जीत
मिली
और
सातों
विधायक
एक
ही
पार्टी
के
चुने
गए
थे,
साल
1952
में
यहां
पहला
लोकसभा
चुनाव
हुआ,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था,
इसके
बाद
साल
1957,
1962
में
भी
यह
सीट
कांग्रेस
के
ही
पास
रही।
1967
का
चुनाव
यहां
पर
निर्दलीय
विधायक
ने
जीता
तो
वहीं
1971
से
लेकर
1989
तक
यहां
पर
कांग्रेस
पार्टी
ही
जीतते
आई,
उसकी
विजय
यात्रा
पर
विराम
लगा
साल
1991
में,
जब
यहां
पर
TDP
जीती,
हालांकि
1996
के
चुनाव
में
यहां
पर
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
लेकिन
1998-1999
में
यहां
TDP
का
राज
रहा
लेकिन
साल
2004
और
2009
का
चुनाव
यहां
पर
कांग्रेस
ने
जीता
और
मुध
गौड़
यहां
से
लगातार
दो
बार
सांसद
चुने
गए
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
उनकी
जीत
की
हैट्रिक
नहीं
हो
पाई
और
यहां
पर
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
ने
जीत
का
परचम
लहरा
दिया
और
कलवकुंतला
कविता
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचीं।
निजामाबाद
,परिचय-प्रमुख
बातें-
निजामाबाद
लोकसभा
सीट
तेलंगाना
के
करीमनगर
और
निजामाबाद
जिले
में
स्थित
है,
निजामाबाद
दो
शब्दों-
निजाम
और
आबाद
से
मिलकर
बना
है,
जिसका
आशय
होता
है
निजाम
की
लंबी
उम्र
हो,
निजामाबाद
की
खोज
1905
में
हुई
थी,
बहुत
सारी
ऐतिहासिक
बातों
को
खुद
में
समेटे
निजामाबाद
की
जनसंख्या
20,27,605
है,
जिसमें
से
66.16%
प्रतिशत
लोग
गांवों
में
और
33.84%
लोग
शहरों
में
रहते
हैं,
यहां
पर
13
प्रतिशत
आबादी
SC
वर्ग
की
और
5.70%
लोग
ST
वर्ग
के
हैं।
2006
में
निजामाबाद
को
भारत
के
250
सबसे
पिछड़े
शहरों
में
शामिल
किया
गया
था,
यह
केंद्र
सरकार
से
मदद
पाने
वाले
तेलंगाना
के
10
जिलों
में
शामिल
है।
कलवकुंतला
कविता
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
सांसद
कलवकुंतला
कविता
की
पिछले
पांच
सालों
में
लोकसभा
में
उपस्थिति
57%
रही
है
और
इस
दौरान
इन्होंने
41
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
279
प्रश्न
पूछे
हैं
और
तीन
प्राइवेट
मेंबर
बिल
पेश
किए
हैं,
कलवकुंतला
कविता
को
उनके
निर्वाचन
क्षेत्र
के
लिए
सांसद
निधि
से
15
करोड़
रुपये
आवंटित
हुए
थे,
जो
ब्याज
समेत
मिलाकर
20.33
करोड़
रुपये
हो
गए
थे.
इसमें
से
उन्होंने
17.04
करोड़
रुपये
यानी
मूल
आवंटित
धन
का
111.58
फीसदी
यानी
17.04
करोड़
रुपये
खर्च
किए
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
14,96,193
थी,
जिसमें
से
केवल
10,33,924
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
था,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
4,69,712
और
महिलाओं
की
संख्या
5,64,212
थी।
इस
सीट
पर
हुए
16
लोकसभा
चुनावों
में
से
कांग्रेस
को
11
बार
जीत
मिली
है,
ऐसे
में
पिछले
चुनाव
में
उसका
यहां
हारना
पार्टी
के
लिए
किसी
कुठाराघात
से
कम
नहीं
था
जबकि
इस
सीट
समेत
TRS
ने
पूरे
राज्य
में
जबरदस्त
प्रदर्शन
किया
था,
उसने
लोकसभा
की
11
सीटों
पर
कब्जा
किया
था
और
विधानसभा
चुनाव
में
भी
उसी
का
डंका
बजा
है,
ऐसे
में
कांग्रेस
कैसे
यहां
TRS
का
मुकाबला
करती
है,
यह
एक
देखने
वाली
बात
होगी,
देखते
हैं
इस
बार
यहां
की
जनता
किसे
अपना
सरताज
बनाती
है।
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