लोकसभा चुनाव 2019: नबरंगपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: ओडिशा की नबरंगपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेडी के बलभद्र मांझी हैं। नबरंगपुर लोकसभा क्षेत्र की गिनती उन गिने-चुने लोकसभा सीटों में होती है जहां नोटा में पड़े वोटों से कम अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ। साल 2014 के चुनाव में यहां बीजेडी के बलभद्र माझी ने कांग्रेस के प्रदीप कुमार माझी को 2 हज़ार 42 मतों से हराया। जबकि, नोटा के तहत नबरंगपुर में 44 हज़ार 408 वोट डाले गये थे। नबरंगपुर में बीजेपी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 1 लाख 38 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल किए थे। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी इस सीट पर 31 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल रहे थे।
बरंगपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली ज्यादातर विधानसभा सीटों पर बीजेडी का कब्जा है। यहां की 7 विधानसभा सीटों में 5 बीजेडी के पास और बाकी दो सीटें कांग्रेस के पास हैं। खास बात ये है कि इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्र आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। उमरकोट, जारीगाम, नबरंगपुर, देबुगाम, कोटापेट, मलगानगिरि और चित्रकोंडा विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा के अंतर्गत आती हैं।आदिवासियों के लिए सुरक्षित ओडिशा की नबरंगपुर लोकसभा क्षेत्र की आबादी 21 लाख 24 हज़ार 955 है। यहां ग्रामीण आपादी 92.78 फीसदी है। आदिवासियों की जनसंख्या 56.5 फीसदी है, जबकि यहां की कुल आबादी में अनुसूचित जाति का हिस्सा 16.89 फीसदी है। 2014 के आम चुनाव में नबरंगपुर लोकसभा क्षेत्र में 12 लाख 97 हज़ार 210 मतदाता थे। इनमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा थी। जहां 6 लाख 45 हज़ार 875 पुरुष वोटर थे, वहीं महिला वोटरों की तादाद थी 6 लाख 51 हज़ार 335।
बलभद्र मांझी का लोकसभा में प्रदर्शन
बीजेडी के बलभद्र मांझी ने संसद में 73 बार डिबेट में हिस्सा लिया। संसद में कुल 199 सवाल उन्होंने पूछे। इस मामले में राज्य का औसत 204 प्रश्नों का है जबकि राष्ट्रीय औसत 273 प्रश्नों का। एक निजी बिल लेकर भी संसद में प्रस्तुत हुए। संसद में उनकी उपस्थिति 81 फीसदी रही, जो राज्य के औसत के करीब-करीब बराबर है। ये आंकड़े 18 दिसम्बर 1018 तक हैं।बलभद्र मांझी ने अपने सांसद निधि से इलाके में 24 करोड़ 50 लाख की रकम खर्च करने की सिफारिश की थी। इनमें से जिलाधिकारी ने 18 करोड़ 54 लाख रुपये की रकम खर्च करने को मंजूरी दी। 17 करोड़ 61 लाख की रकम खर्च हो पायी। 5 करोड़ से ज्यादा की राशि रिपोर्ट हासिल होते वक्त तक खर्च नहीं हो सकी थी। ये रिपोर्ट 18 दिसम्बर 2018 तक की है।
नबरंगपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 79 फीसदी मतदान हुआ था। यानी 10 लाख 22 हज़ार 172 मतदाताओं ने वोट डाले थे। महिला बहुल लोकसभा क्षेत्र होने के बावजूद वोट देने में पुरुष ही आगे रहे। पुरुषों ने कुल 5 लाख 12 हज़ार से ज्यादा की संख्या में वोट डाले। जबकि, वोट डालने वाली महिला मतदाताओं की संख्या रही 5 लाख 9 हज़ार 451। नबरंगपुर लोकसभा का इतिहास मिला जुला रहा है। 2014 में जहां बीजेडी उम्मीदवार की जीत हुई, वहीं 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप कुमार मांझी यहां से जीते थे। वहीं 1999 और 2004 में बीजेपी ने इस सीट पर लगातार दो बार जीत दर्ज की थी। मगर, इससे पहले 1962 से लेकर लगातार 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। नबरंगपुर लोकसभा सीट पर बीजेडी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर कांटे का मुकाबला होना तय लगता है। बीजेपी की मौजूदगी और भी मजबूत ढंग से सामने आ सकती है। मुकाबला त्रिकोणीय और मजेदर होगा, ये तय है।
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