लोकसभा चुनाव 2019: मेडक लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की मेडक लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद टीआरएस के कोथा प्रभाकर रेड्डी सांसद हैं। 2014 के आम चुनाव में पहले यहां से टीआरएस प्रमुख कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर चुनाव जीते थे, उन्होंने कांग्रेस के पी. श्रवण कुमार रेड्डी को करीब 3 लाख वोटों के अंतर से जबरदस्त मात दी थी, केसीआर को 6,57,492 वोट मिले थे तो वहीं पी. श्रवण कुमार रेड्डी को 2,60,463 वोटों पर संतोष करना पड़ा था लेकिन बाद में उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी, जिसके बाद यहां इसी साल हुए हुए उपचुनावों में टीआरएस के कोथा प्रभाकर रेड्डी को बड़ी जीत हासिल हुई थी, उन्होंने कांग्रेस की कद्गावर नेता सुनीता लक्ष्मा रेड्डी वी. को 3,61,277 वोटों के मार्जिन से हराया था। कोथा प्रभाकर रेड्डी को यहां पर 5,71,800 वोट मिले थे. तो वहीं सुनीता लक्ष्मा रेड्डी वी को 2,10,52 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, इस सीट पर तीसरे नंबर पर भाजपा थी, जिसके प्रत्याशी जग्गा रेड्डी को 1,86,334 वोट मिले थे।
मेडक
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1957
में
यहां
पहला
आम
चुनाव
हुआ
था
जिसे
की
कांग्रेस
ने
जीता
था,
उसके
बाद
1962
और
1967
में
यहां
कांग्रेस
का
ही
राज,
साल
1971
का
चुनाव
तेलंगाना
प्रजा
समिति
ने
यहां
जीता
और
डॉ.
मल्लिकाअर्जुन
यहां
से
सांसद
चुने
गए,
वो
1977
में
भी
यहां
पर
जीते
लेकिन
इस
बार
उन्होंने
कांग्रेस
के
टिकट
पर
चुनाव
जीता
था,
साल
1980
में
यहां
भारत
की
आयरने
लेडी
और
भूतपूर्व
पीएम
इंदिरा
गांधी
ने
चुनाव
जीता
था,
साल
1984
का
चुनाव
यहां
तेलुगू
देशम
पार्टी
ने
जीता
लेकिन
1989
के
चुनाव
में
यहां
पर
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
उसके
बाद
1991,
1996
और
1998
मे
यहां
कांग्रेस
का
ही
कब्जा
रहा,
साल
1999
के
चुनाव
में
यहां
पहली
बार
भाजपा
की
जीत
हुई
और
उसके
बाद
साल
2004
में
ये
सीट
टीआरएस
की
झोली
में
आ
गई
और
तब
से
लगातार
चार
बार
से
इस
सीट
पर
TRS
का
ही
कब्जा
है।
मेडक
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
तेलंगाना
का
मेडक
जिला
बहुत
सारी
ऐतिहासिक
बातों
का
गवाह
है,
मेडक
जिले
में
प्रसिद्ध
ऑर्डिनेंस
फैक्ट्री
है
जो
कि
इस
जिले
के
लोगों
के
रोजगार
का
साधन
भी
है,
यहां
से
भारतीय
सेना
को
हथियार
उपलब्ध
कराए
जाते
हैं,
इस
लोकसभा
सीट
से
कई
हाई
प्रोफाइल
नेता
चुनाव
जीते
हैं,
जिनमें
भारत
की
भूतपूर्व
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
भी
शामिल
हैं,
उन्होंने
अपना
आखिरी
लोकसभा
चुनाव
यहीं
से
लड़ा
और
जीता
था।
इसके
अलावा
इस
सीट
से
चुनाव
जीतने
वालों
में
तेलंगाना
के
मुख्यमंत्री
के.
चंद्रशेखर
राव
और
अभिनेत्री
और
निर्माता
विजयशांति
श्रीनिवास
का
भी
नाम
शामिल
है।
मेडक
की
आबादी
20,96,323
है,
जिसमें
71
प्रतिशत
लोग
यहां
गांवों
में
और
28
प्रतिशत
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
16
प्रतिशत
लोग
SC
वर्ग
के
और
4
प्रतिशत
लोग
ST
वर्ग
के
हैं।
कोथा
प्रभाकर
रेड्डी
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
कोथा
प्रभाकर
रेड्डी
की
संसद
में
उपस्थिति
अब
तक
57
फीसदी
रही
है,
इस
दौरान
उन्होंने
केवल
20
बहसों
में
हिस्सा
लिया
है
और
उन्होंने
संसद
में
366
सवाल
पूछे
हैं
और
एक
भी
प्राइवेट
मेंबर
बिल
पेश
नहीं
किया
है।
कोथा
प्रभाकर
रेड्डी
को
अपने
लोक
सभा
क्षेत्र
में
खर्च
करने
के
लिए
सांसद
निधि
से
12.50
करोड़
रुपये
आवंटित
हुए
थे
जो
कि
ब्याज
समेत
मिलाकर
15.86
करोड़
हो
गए
थे
जिसमें
से
वह
केवल
11.65
यानी
मूल
आवंटित
फंड
का
91.62
फीसदी
ही
खर्च
कर
सके
हैं।
साल
2014
के
चुनावों
में
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
15,36,715
थी,
जिसमें
से
केवल
11,91,096
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
किया,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
6,06,863
और
महिलाओं
की
संख्या
5,84,233
थी।
कभी कांग्रेस की सेफ सीट कही जाने वाली मेडक लोकसभा सीट पर आज कांग्रेस जीत के लिए तरस रही है, साल 2014 के चुनाव में तो उसका प्रदर्शन औसत से भी खराब था, जबकि TRS ने इस पार्टी समेत पूरे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शऩ किया था और 11 सीटें अपने नाम की थी, विधानसभा चुनावों में भी उसी का बोल-बाला रहा है,क्या उसका जादू दोबारा से यहां चलेगा या फिर इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस का राज होगा, यही सवाल सबके जेहन में घूम रहा है, जिसके जवाब के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा, देखते हैं कि मेडक की जनता इस बार किसे अपना सरताज चुनती है।
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