लोकसभा चुनाव 2019- कटिहार लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की कटिहार लोकसभा सीट से साल 2014 का लोकसभा चुनाव तारिक अनवर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी( एनसीपी) के टिकट पर जीता था। उन्होंने भाजपा के निखिल चौधरी को 1 लाख 14 हजार 740 वोटों से पराजित किया था। पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कटिहार पहले पूर्णिया जिले का एक हिस्सा था। इसका इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है। इस जिले का नाम इसके प्रमुख शहर दीघी-कटिहार के नाम पर रखा गया था। मुगल शासन के अधीन इस जिले की स्थापना सरकार तेजपुर ने की थी। धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
कटिहार लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें-
कटिहार लोकसभा क्षेत्र के अंतरगत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं कटिहार, मनिहारी, बलरामपुर, प्राणपुर, कदवा और बरारी। साल 1957 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने जीता था और उन्हें यहां के पहले सांसद होने का गौरव हासिल हुआ था। 1962 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की नेता प्रिया गुप्ता सांसद बनीं, वो यहां की पहली महिला सांसद थीं। 1967 में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की, साल 1977 के चुनाव में यहां पर जनता पार्टी जीती तो वहीं 1980 में यहां से कांग्रेस के तारिख अनवर सांसद बने, वो लगातार दो बार इस सीट पर जीते लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के नेता युवराज ने उनकी जीत की हैट्रिक को पूरा नहीं होने दिया। 1991 में भी यहां जनता दल का ही राज रहा लेकिन 1996 में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और तारिक अनवर सांसद बने, साल 1998 में भी उनका ही जलवा यहां कायम रहा।
1999 में भारतीय जनता पार्टी ने ना केवल यहां अपनी जीत का खाता खोला बल्कि अनवर के विजय रथ को भी रोक दिया और भाजपा नेता निखिल चौधरी यहां से एमपी बने, उन्होंने साल 2004 और साल 2009 में भी यहां से जीत दर्ज की लेकिन साल 2014 के चुनाव में तारिख अनवर ने उन्हें यहां हरा दिया, ये हार भाजपा के लिए बड़ा झटका थी क्योंकि निखिल चौधरी की हार मोदी लहर के दौरान हुई थी। साल 2014 के चुनाव में यहां पर नंबर दो पर भाजपा, नंबर तीन पर JDU और नंबर 4 पर JMM थी, साल 2014 के चुनाव में यहां 14 लाख 46 हजार 478 मतदातागण थे, जिसमें 9 लाख 77 हजार आठ सौ तीस मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया, जिनमें पुरुषों की संख्या 4 लाख 95 हजार चार सौ चौसठ और महिलाओं की संख्या 4 लाख 82 हजार 266 थी। कटिहार की 54 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की और 44 प्रतिशत मुस्लिमों की है।
तारिक अनवर ने थामा कांग्रेस का हाथ
एनसीपी ने मोदी लहर के बीच यहां जीत दर्ज करके बड़ी सफलता अर्जित की थी लेकिन अब हालात बदल गए हैं क्योंकि तारिक अनवर ने अब एनसीपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है, गौरतलब है कि एनसीपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने राफेल डील पर मोदी सरकार का समर्थन किया था जिससे नाराज होकर तारिक अनवर ने एनसीपी छोड़ने के साथ-साथ लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया और इसके बाद कांग्रेस ज्वाइन कर ली, यहां आपको ये भी बताते चलें कि ये वो ही अनवर हैं जिन्होंने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से बगावत कर शरद पवार के साथ एनसीपी का गठन किया था। अनवर के पार्टी छोड़ने के बाद ही एनसीपी की बिहार प्रदेश इकाई को भंग कर दिया गया है।
पिछले चुनाव में कटिहार लोकसभा सीट से राजद, राकांपा और कांग्रेस यहां साथ चुनाव लड़े थे औप जदयू अलग लड़ी थी। तब भाजपा के साथ लोजपा और रालोसपा की ताकत थी, इसके बावजूद तारिक अनवर करीब एक लाख से अधिक मतों से विजयी हुए थे लेकिन अब सियासी समीकरण बदल चुके हैं। अनवर कांग्रेस के साथ हैं और जेडीयू भाजपा के साथ खड़ी है, ऐसे में भाजपा अनवर को हराने के लिए क्या रणनीति अपनाती है, ये एक देखने वाली बात होगी लेकिन असली फैसला तो जनता को करना है और वो किसके साथ है, यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे।