लोकसभा चुनाव 2019: धनबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: झारखंड की धनबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के पशुपति नाथ सिंह हैं। वो इस सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में पशुपति नाथ सिंह ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के अजय कुमार दुबे को 292,954 के भरी मतों से हराया था। धनबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत बोकारो और धनबाद के जिले आते हैं। यह शहर भारत का 42वां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर धनबाद में देश की सबसे बड़ी कोयला खदानें हैं और इसी लिए इसे देश की कोयला राजधानी भी कहा गया है। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। यह क्षेत्र आर्थिक रूप से देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें मुंबई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे सब डिवीज़न है जो राजस्व का दूसरा बड़ा स्त्रोत है।
2011 भारत की अंतिम जनगणना के अनुसार धनबाद की आबादी 2,682,662 है। पुरुष और महिलाओं का प्रतिशत 47 और 53 है। इसका लिंग अनुपात 908 है। धनबाद की औसत साक्षरता दर 75.71 फीसदी है, जो 59.5 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है। पुरुष साक्षरता 85.78 प्रतिशत है और महिला साक्षरता 64.70 प्रतिशत है। धनबाद में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे जनसंख्या का 10.57 फीसदी है। जनसंख्या में अधिकांश झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग हैं। धनबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा भाग हैं। इनमे से केवल चंदनकियारी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है इसके अलावा बाकी अन्य सभी बोकारो, सिंदरी, निरसा, धनबाद और झरिया अनारक्षित हैं। 1951 में यहाँ के पहले सांसद इंडियन नेशनल कांग्रेस के पीसी बोस बने और वर्तमान में यहाँ पर भारतीय जनता पार्टी के पशुपति नाथ सिंह दूसरी बार विराजमान हैं।
पशुपति नाथ सिंह का लोकसभा में प्रदर्शन
संसद में पशुपति नाथ सिंह की भूमिका को मद्देनज़र रखते हुए ये देखा जा सकता है की उपस्थिति के सम्बन्ध में इनका व्यक्तिगत औसत 92 फीसदी है वही राज्य का औसत 86 प्रतिशत है। डिबेट में भागीदारी की बात करें तो राष्ट्रीय औसत 63.8 प्रतिशत और राज्य औसत 81.4 प्रतिशत के विपरीत इनका व्यक्तिगत औसत मात्र 44 प्रतिशत ही है| प्रश्न पूछने का राष्ट्रिय औसत जहाँ 273 और राज्य औसत 409 है वहीँ इनका व्यक्तिगत औसत 179 ही है जोकि एक औसत प्रदर्शन हैं। हालाँकि इन्होने अपने कार्यकाल में कोई भी प्राइवेट मेम्बर बिल प्रस्तुत नहीं किया।
इस सीट में कुल 1,889,994 हैं, जिसमे 1,032,005 पुरुष और 857,989 महिलाएं हैं। इनमें से जिन लोगों ने वोट कास्ट किया है उनका प्रतिशत 61 है जोकि गिनती के हिसाब से 1,143,902 है जिसमे 642,644 पुरुष और 501,258 महिला मतदाता हैं। धनबाद की कुल जनसख्या में मात्र 38.76% ग्रामीण हैं जबकि 61.24% शहरी जनता है। और इसी लिहाज से अगर आकड़ों पर प्रकाश डालें तो देख पाएंगे कि 2004 से लेकर अब तक इस सीट पर अधिकांशतः भाजपा ने ही जीत दर्ज करायी है। चुनावी गणित के अनुसार इस सीट पर भाजपा का दबदबा ही दिखाई देता है। बाकी तो 2019 के परिणाम ही बताएँगे कि भाजपा का वर्चस्व कायम रहेगा या नहीं।