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लोकसभा चुनाव 2019: देवास लोकसभा सीट के बारे में जानिए

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की देवास लोकसभा सीट से साल 2014 के लोकससभा चुनाव में सांसद भाजपा के मनोहर उंटवाल बने। उन्होंने कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा को 26,03,13 वोटों से हराकर ये सीट अपने नाम की थी। उन्‍होंने दिसंबर 2018 में अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस, नंबर 3 पर बसपा और नंबर 4 पर PRSP थी, उस साल यहां कुल वोटरों की संख्या 16 लाख 17 हजार 215 थी, जिसमें से मात्र 11 लाख 43 हजार 968 ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिनमें पुरुषों की संख्या 6 लाख 54 हजार 121 और महिलाओं की संख्या 4 लाख 89 हजार 847 थी। देवास की 88 प्रतिशत आबादी हिंदू धर्म में और 11 प्रतिशत आबादी इस्लाम धर्म में भरोसा करती है।

profile of Dewas lok sabha constituency

देवास संसदीय सीट का इतिहास

देवास संसदीय सीट 2008 के नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इस संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर साल 2009 के पहले चुनाव में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने जीत दर्ज की थी, जबकि साल 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा नेता मनोहर उंटवाल से सांसद चुने गए। अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले मनोहर उंटवाल पिछले दिनों जबरदस्त आलोचनाओं के केंद्र में थे क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी पर भद्दी टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह केवल नाम के राजा है, उन्होंने कभी मध्य प्रदेश की जनता के लिए कुछ नहीं किया उल्टा दिल्ली से 'एक आयटम 'उठाकर और चले आए, हालांकि काफी किरकिरी होने के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर सफाई पेश करते हुए सारा दोष मीडिया पर मढ़ दिया था।

मनोहर उंटवाल का लोकसभा में प्रदर्शन

दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान मनोहर उंटवाल की लोकसभा में उपस्थिति 58 प्रतिशत रही। वहीं इस दौरान उन्होंने लोकसभा में मात्र 2 डिबेट में हिस्सा लिया है और 52 प्रश्न पूछे सदन में पूछे।

देवास, परिचय-प्रमुख बातें-

देवास से लगभग 35 किमी दूर स्थित देवास चामुंडा माता और तुलजा भवानी की वजह से आस्था का केंद्र है। मां चामुंडा के तीर्थ स्थल 'माता की टेकरी' के नाम से जाना जाता है। लोक मान्यता है कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। देवास की जनसंख्या 24 लाख 85 हजार 19 है, जिसमें से 73 प्रतिशत लोग गांवों में निवास करते हैं तो वहीं 26 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। सिहोर, शाजापुर, देवास जिलों को कवर करने वाली इस संसदीय सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखा गया है।

देवास लोकसभा के चुनावों में भी अभी तक जनता ने न नाम को तव्वजो दी और न ही लहर को, लेकिन जब भी मुहर लगी है तो चेहरा देखकर ही लगी है। वैसे तो इस संसदीय क्षेत्र को ब्राह्मण और राजपूत बहुल माना जाता है, लेकिन जातिगत समीकरण भी कभी यहां कोई बड़ा कारनामा नहीं दिखा पाए और यहां की जनता ने पार्टी को नहीं नेता को तवज्जो दी है। जिसकी वजह से साल 2014 के चुनाव में मनोहर उंटवाल बाहरी होते हुए भी अपनी काबिलियत और कुशल चुनाव प्रबंधन की वजह से यहां पर विजयी हुए थे और इस सीट पर कांग्रेस के लोकप्रिय और देवास से बेहद जुड़े हुए नेता सज्जनसिंह वर्मा को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन क्या इस बार भी ऐसा कुछ होगा और इस सीट पर भगवा पताका फहराएगी, ये एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब हमें चुनावी परिणाम बताएंगे, देखते हैं इस बार देवास की जनता किसे अपना सरताज बनाती है।

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English summary
profile of Dewas lok sabha constituency
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