लोकसभा चुनाव 2019: चतरा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: दक्षिण पूर्व के राज्य झारखण्ड की चतरा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के सुनील कुमार सिंह हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को 178026 के भारी अंतर से हराया था। चतरा की जनसंख्या और वोटर्स के आंकड़ों के बारे में बात करें तो यहाँ की 21,75,924 जनसंख्या में 95.32% ग्रामीण है और 4.68% शहरी| इनमे से 28.24% अनुसूचित जाति और 19.39% अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है | वहीँ अगर मतदाताओं की बात करें तो इस क्षेत्र में 13,12,545 कुल मतदाता हैं जिनमे 6,96,514 पुरुष एवं 6,16,031 महिला मतदाता हैं | लेकिन इनमे से कुल 54 प्रतिशत लोगों ने ही 2014 के चुनाव में अपने मतों का प्रयोग किया था। मतदान करने वालों में 3,83,079 पुरुष और 3,29,892 महिलाएं थीं।
चतरा लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1991 में बने इस जिले में 2 उपभाग 12 ब्लाक 154 पंचायतें और 1474 राजस्व गाँव हैं| यह क्षेत्र 1991 से पूर्व हजारीबाग जिले का उपभाग कहा जाता था | वर्तमान में चतरा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चतरा, लातेहर जिले का पूरा हिस्सा और पलामू जिले का कुछ हिस्सा आता है | प्राचीन काल में मौर्य राज्य में अशोक के राज से लेकर ब्रिटिश काल में राजा राम मोहन राय तक चतरा लगभग कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक गतिविधियों का केंद्र रहा |
वर्तमान में यह इलाका भारत के लाल गलियारे में आता है | लाल गलियारा भारत के पूर्वी भाग का एक क्षेत्र है जहाँ नक्सलवादी उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। साल 1977 तक चतरा गया, हज़ारीबाग और पलामू जिले के साथ ही एक बड़े विस्तृत संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था | इस क्षेत्र के आसपास पनकी, लातेहर, सिमरिया, मनिका सभी अरक्षित सीटें हैं जबकि चतरा एक सामान्य सीट है | इस निर्वाचन क्षेत्र में 5 विधान सभा सीटें है | ये चतरा, सिमरिया, लातेहर, मनिका और पनकी हैं|
सुनील कुमार सिंह का लोकसभा में प्रदर्शन
सुनील कुमार सिंह के संसद में प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाए तो दिखेगा की इन्होने कुल 111 डिबेट में हिस्सा लिया है जबकि राष्ट्रीय औसत 63.8 प्रतिशत और राज्य औसत 81.4 प्रतिशत है| वहीँ प्रश्न पूछने के संबध में इनका व्यक्तिगत औसत 583 है जबकि राष्ट्रिय औसत 273 और राज्य औसत 406 है | अपने कार्यकाल में इन्होने कुल 22 प्राइवेटमेम्बर बिल प्रस्तुत किये हैं और उपस्थिति के राज्य औसत 86 प्रतिशत के समक्ष इनका व्यक्तिगत औसत 90 प्रतिशत रहा है |
चुनावी आंकड़ों की गणित देखी जाए तो विधानसभा सीटों पर राजद हावी रहा है जबकि लोकसभा सीटों के बारे में पक्के तौर पर कुछ कह नहीं सकते क्यूंकि 1957 से 2014 तक भाजपा, कांग्रेस, जनता दल और यहाँ तक कि कई बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना परचम लहराया है | अब ये देखना रोचक होगा की चुनावी ऊँट किस करवट बैठता है |