लोकसभा चुनाव 2019: चंडीगढ़ लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: चंडीगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा की किरण खेर हैं। किरण खेर ने साल 2014 के आमचुनाव में चंडीगढ़ की सीट पर दो दिग्गजों को हराया था। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल और पूर्व मिस इंडिया रहीं गुलकीरत कौर पनाग शामिल हैं। गुल पनाग ने आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा था। किरण अनुपम खेर को 1 लाख 91 हज़ार 362 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पवन कुमार बंसल को 1 लाख 21 हज़ार 720 वोट मिल सके थे। गुल पनाग ने भी 1 लाख से अधिक वोट हासिल किया था। इस तरह यह सीट त्रिकोणात्मक संघर्ष की गवाह बनी थी।
चंडीगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पूरे केंद्र शासित प्रदेश को कवर करती है। यहां कभी कांग्रेस का, तो कभी जनसंघ या जनता दल और अब भारतीय जनता पार्टी से कड़ा मुकाबला रहा है। अभी यह सीट बीजेपी के पास है। किरण खेर से पहले लगातार तीन बार 1999, 2004 और 2009 में पवन कुमार बंसल चंडीगढ़ से सांसद चुने गये थे। मगर, उनसे पहले बीजेपी के सत्यपाल जैन ने 1996 और 1998 में बीजेपी का परचम लहराया था। उन्होंने पवन कुमार बंसल से ही यह सीट छीनी थी। हालांकि पवन कुमार बंसल जब 1991 में पहली बार सांसद बने थे तो उन्होंने जनता दल के हरमोहन धवन से यह सीट छीनी थी। कुल मिलाकर देखें तो 1967 के बाद से चंडीगढ़ लोकसभा की सीट पर कांग्रेस का 7 बार कब्जा रहा है। वहीं जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल ने एक-एक बार और भारतीय जनता पार्टी ने दो बार चंडीगढ़ से लोकसभा का चुनाव जीता है।
किरण खेर का लोकसभा में प्रदर्शन
किरण खेर ने सांसद के तौर पर पिछले पांच सालों में 38 बार संसद की डिबेट में हिस्सा लिया। हालांकि राष्ट्रीय औसत 63.8 का है। एक निजी बिल भी उन्होंने पेश किया। संसद में किरण खेर ने 303 सवाल पूछे। राष्ट्रीय औसत 273 के मुकाबले यह ज्यादा है। संसद में उनकी उपस्थिति 85 फीसदी रही है। दिसम्बर 2018 तक उनकी सांसद निधि में 5 करोड़ से ज्यादा की रकम बच रही थी। 22 करोड़ 77 लाख रुपये खर्च हो चुके थे। वह नरेंद्र मोदी और बीजेपी के प्रशंसक रहे अनुपम खेर की पत्नी हैं। अंग्रेजी से स्नातक किरण खेर फ़िल्म के अलावा सामाजिक स्तर पर भी सक्रिय रही हैं।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर 6 लाख 15 हजार 214 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता 3 लाख 33 हज़ार 621 हैं। यहां कुल 74 फीसदी मतदातान हुआ था। यानी 4 लाख 53 हज़ार 455 मतदाताओं ने वोट डाले थे। किरण अनुपम खेर ने 69 हज़ार 642 वोटों से जीत दर्ज की थी। चंडीगढ़ लोकसभा सीट हर बार की तरह इस बार भी मुश्किल रहेगी। मगर, बीजेपी सांसद किरण खेर के नहीं, बल्कि जो उम्मीदवार उन्हें चुनौती देने आएंगे उनके लिए। कारण ये है कि कांग्रेस को अब कोई नया चेहरा ही यहां से चुनाव मैदान में उतारना होगा। पवन कुमार बंसल अब बुजुर्ग हो चुके हैं। ऐसे में नए चेहरे के लिए चुनौती भी बड़ी होगी। आम आदमी पार्टी की सक्रियता ऐसी नहीं रही है कि गुल पनाग के वोट बैंक में कोई बढ़ोतरी दिखे। गुल पनाग दोबारा चुनाव लड़ती हैं या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी।