लोकसभा चुनाव 2019: भावनगर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: गुजरात की भावनगर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा की डॉ. भारती बेन धीरूभाई शियाल हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीणबाई राठौड़ को 295, 488 वोटों से हराया था। डॉ. भारती बेन धीरूभाई शियाल को इस चुनाव में 549, 529 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस नेता को मात्र 250, 041 वोटों पर संतोष करना पड़ा। इस सीट पर आप प्रत्याशी को 495, 40 वोटों के साथ नंबर तीन का स्थान हासिल हुआ था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15,94,531 थी, जिसमें से मात्र 9,17,402 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,19,525 और महिलाओं की संख्या 3,97,877 थी।
भावनगर लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1952 में यहां पहली बार आम चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। साल 1957 में भी यहां कांग्रेस का ही राज रहा तो 1962 के चुनाव में यहां पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की थी। साल 1967, 1969 और 1971 में लगातार यहां पर कांग्रेस जीती तो 1977 का चुनाव यहां पर जनता पार्टी ने जीता। वहीं 1980 , 1984 और 1989 में यहां पर कांग्रेस का राज रहा तो वहीं 1991 में यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार जीत दर्ज की और तब से लेकर साल 2014 तक यहां पर भाजपा का ही राज है, साल 1996 से लेकर साल 2009 तक यानी कि पांच बार इस सीट पर भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राणा सांसद चुने गए, साल 2014 में यहां से डॉ. भारती बेन धीरूभाई शियाल जीतकर लोकसभा पहुंची हैं।
भावनगर , परिचय-प्रमुख बातें-
भावनगर गुजरात राज्य के पश्चिमी भारत में स्थित है। शासकीय राज्यों की राजधानी भावनगर अनेकों तालाबों और मंदिरों का घर कहा जाता है। भावनगर की स्थापना 1743 में मावनगर बोरोज की थी। उनके पूर्वज राजस्थान से यहां आए थे। 1947 तक यह एक रियासत की राजधानी था, जिसके बाद भारतीय संघ में इसका विलय हो गया। बहुत सारी ऐतिहासिक इमारतों और यशस्वी गाथाओं को अपने आंचल में समेटे इस शहर की आबादी 23,10,078 थी, जिसमें से 54 प्रतिशत आबादी गांवों में और 45 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, यहां 5 प्रतिशत लोग एससी और 0.34 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग के हैं।
डॉ. भारती बेन का लोकसभा में प्रदर्शन
डॉ. भारती बेन इससे पहले साल 2012 में, भावनगर जिले के तलाजा से विधानसभा के लिए चुनी गई थीं। पेशे से, वह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं, वो साल 2017 से केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड की सदस्य भी हैं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 94 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 33 डिबेट में हिस्सा लिया है और 168 प्रश्न पूछे हैं।
भावनगर में बीजेपी के किले को ध्वस्त करना आसान नहीं हैं, कांग्रेस लंबे वक्त से यहां जीत के लिए तरस रही है लेकिन गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन से उसके अंदर आत्मविश्वास की वृद्धि हुई है और इसी वजह से वो यहां जीत का दावा कर रही है, अब उसके दावों में कितनी सच्चाई है ये तो चुनावी नतीजे तय करेंगे लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस सीट पर अपने प्रभु्त्व को बचाए रखने का दवाब भाजपा पर भी होगा, देखते हैं कि यहां की जनता इस बार अपना आशीर्वाद किसे देती है क्योकि जीतेगा तो वही, जिसे जनता का साथ मिलेगा।