लोकसभा चुनाव 2019: जानिए कर्नाटक की बेंगलुरु साउथ सीट के बारे में, जहां 100 प्रतिशत आबादी शहरी
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बेंगलुरु। कर्नाटक राज्य की सीट साउथ बेंगलुरु की जो कि बीजेपी के लिए काफी अहम सीट है। यहां से बीजेपी के नेता अनंत कुमार सांसद थे लेकिन नवंबर माह में कैंसर की वजह से उनकी मृत्यु के बाद यह सीट खाली पड़ी हुई है। साउथ बैंगलोर पहले मैसूर राज्य के तहत आता था। साउथ बेंगलुरु के तहत जयनगर, जेपी नगर, बनशंकरी, बसवनगुड़ी, बीटीएम लेआउट और इलेक्ट्रॉनिक सिटी जैसे इलाके आते हैं। सन् 9152, 1957, 1962, 1967 और 1971 में मैसूर राज्य के तहत यहां पर लोकसभा चुनाव हुए थे। लेकिन सन् 1977 में यह सीट कर्नाटक राज्य के तहत आने लगी।
कई मायनों में एतिहासिक साउथ बेंगलुरु
साउथ बेंगलुरु का जयनगर, बेंगलुरु के सबसे पॉश और सबसे प्रभावशाली इलाकों में आता है। इस जगह का नाम मैसूर के महाराज जयचामराज के नाम पर रखा गया था। जयनगर की स्थापना सन् 1948 में हुई थी। यह इलाका बेंगलुरु का एक योजना के तहत बसाया गया इलाका है। जिस समय इसकी स्थापना हुई थी, उस समय यह एशिया का सबसे बड़ा इलाका माना जाता था। जयनगर को बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से का अंत कहा जाता है। यहां पर स्थित साउथ एंड सर्किल में छह सड़कें आकर मिलती हैं। यहां पर एशिया की सबसे बड़ी मार्केट्स में से एक मार्केट भी है जिसे जयनगर फोर्थ ब्लॉक के नाम से जानते हैं। इसके अलावा एतिहासिक अशोका पिलर भी यहां पर है।
मशहूर बुल टेंपल भी है यहीं
बेंगलुरु साउथ में जयनगर के अलावा बसवनगुड़ी में स्थित मशहूर बुल टेंपल भी आता है। यह मंदिर भगवान शिव के वाहन नंदी बैल को समर्पित है। रोजाना इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा सकती है। इस मंदिर में बैठे हुए बैल की प्रतिमा स्थापित है। यह मूर्ति 4.5 मीटर ऊंची और छह मीटर लम्बी है। मंदिर रॉक नामक एक पार्क के अंदर है। बैल एक पवित्र हिंदू यक्ष, नंदी के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर की स्थापना विजयनगर साम्राज्य के शासक द्वारा सन् 1537 में की गई थी।
बीजेपी का अजेय गढ़
यहां पर सन् 1977 में जनता पार्टी के केएस हेगड़े ने चुनाव जीता था। इसके बाद से लगातार इस सीट पर बीजेपी हावी रही है। कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर सिर्फ एक चुनाव जीता है और वह भी सन् 1989 में। उसके बाद से यहां पर बीजेपी के एक अजेय गढ़ में तब्दील हो गया। सन् 1991 में यहां पर पार्टी के नेता केवी गौड़ा ने लोकसभा चुनाव जीता था। सन् 1996 से अनंत कुमार इस सीट पर पार्टी की जीत की इबारत लिखते रहे थे। अनंत कुमार ने 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और फिर 2014 में यहां से चुनाव जीता था।
सारी आबादी शहरों में
साउथ बेंगलुरु की आबादी 24,13,299 है और दिलचस्प बात है कि सारी आबादी शहरी आबादी है। इस संसदीय क्षेत्र की 100 प्रतिशत आबादी शहर में ही रहती है। यहां पर 8.02 प्रतिशत एससी तो 1.71 प्रतिशत एसटी वोटर्स हैं। साल 2014 में जब चुनाव हुए तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 19,99,882 थी। इसमें से पुरुष मतदाता 10,51, 316 थे तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 9,48, 566 थी।
नंदन नीलेकणी को मिली थी हार
साउथ बेंगलुरु में अब तक जितने लोकसभा चुनाव हुए उसमें सात बार बीजेपी तो दो बार जनता पार्टी को जीत मिली है। साल 2014 में बीजेपी के अनंत कुमार ने कांग्रेस के उम्मीदवार नंदन नीलेकणी को मात दी थी। नंदन, इंफोसिस के को-फाउंडर, यूआईडीएआई के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं। जहां पिछले लोकसभा में अनंत कुमार को 6,33, 816 वोट्स मिले तो वहीं नंदन नीलेकणी को 4,05,241 वोट्स ही मिल सके थे।