लोकसभा चुनाव 2019- बस्ती लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की बस्ती लोकसभा सीट से इस वक्त बीजेपी नेता हरीश चन्द्र द्विवेदी सांसद हैं, भाजपा ने ये सीट सपा को 33562 वोटों के अंतर से हराकर अपने नाम की थी, बस्ती, यूपी के पुराने शहरों में से एक है, इसका नाम वशिष्ठ मुनि के नाम पर रखा गया है। बस्ती कपड़ा उद्योग और चीनी मिलों के लिए भी जाना जाता है, बस्ती का आजादी के आंदोलन में भी बड़ा योगदान रहा है, इस जिले को अति पिछड़ा अनुदान निधि के तहत के विशेष सहायता मिलती है, यहां की औसत साक्षरता दर 56.56% है,, बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं हर्रैया, बस्ती सदर, रुद्हौली, महादेवा और कप्तानगंज, जिसमें महादेवा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। अस्तित्त्व में आने के बाद से 2004 तक बस्ती की लोकसभा सीट भी अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित थी लेकिन 2004 में परिसीमन के बाद यह सामन्य श्रेणी में आ गई, कांग्रेस नेता राम शंकर लाल यहां के पहले सांसद थे, 1967 और 1971 के चुनाव जीतकर कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार तीन बार कब्ज़ा किया था, 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल ने यहां पहली बार जीत दर्ज की थी। 1980 और 1984 में यहां कांग्रेस का राज था लेकिन 1989 में यहां जनता दल ने बाजी मारी।
1991 के चुनाव में पहली बार भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की और उसके बाद 1996, 1998 और 1999 में यहां भाजपा का ही वर्चस्व रहा और श्रीराम चौहान यहां से तीन बार सांसद बने लेकिन साल 2004 में बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी के विजय रथ को रोक दिया और यहां से भारी जीत दर्ज की, साल 2009 में भी यहां हाथी का ही जादू बरकरार रहा लेकिन साल 2014 में ये सीट फिर से भाजपा के खाते में आ गई और हरीश चन्द्र द्विवेदी यहां से सांसद चुने गए।
पिछले 5 सालों के दौरान हरीश चन्द्र द्विवेदी की लोकसभा में उपस्थिति 86 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 33 डिबेट में हिस्सा लिया है और 314 प्रश्न सदन में पूछे हैं। साल 2014 में इस सीट पर नंबर 2 पर SP, नंबर 3 पर BSP और नंबर 4 पर कांग्रेस थी, साल 2014 में यहां पर 1787476 मतदाताओं ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 53 प्रतिशत और महिला मतदाताओं की संख्या 46 प्रतिशत थी। बताते चलें बस्ती की 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 14 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिमों की है।