लोकसभा चुनाव 2019- बांका लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की बांका लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के जय प्रकाश नारायण यादव सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा नेता पुतुल कुमारी सिंह को हराया था। साल 2014 के चुनावों में इस सीट पर नंबर 2 पर भाजपा, नंबर 3 पर सीपीआई और नंबर 4 पर आईएनडी थी। उस साल यहां मतदाताओं की संख्या 15,49,456 थी, जिसमें 8,99,353 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था, जिनमें महिलाओं की संख्या 8,25,010 और पुरुषों की 7,24,446 थी।
बांका लोकसभा सीट का इतिहास
बिहार के प्राचीन शहरों में से एक बांका का जिक्र पुराणों में वर्णित है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन में प्रयुक्त मथानी और मंदराचल में लपेटने के लिए जो रस्सा प्रयोग किया गया था वह दोनों ही उपकरण यहां विद्यमान हैं, इस जगह का सियासी, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस शहर की आबादी 24,70,842 है, जिसमें से 95 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में और 5 प्रतिशत लोग शहरी इलाकों में रहते हैं।
साल 1957 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस की शंकुतला देवी ने जीता था, वो साल 1962 में भी यहां से सांसद बनी थीं। साल 1967 में यहां भारतीय जन संघ ने जीत दर्ज की थी। साल 1971 के चुनाव में यहां कांग्रेस जीती तो वहीं 1977 में यहां भारतीय लोक दल ने जीत का खाता खोला। साल 1980, 1984 और 1986 में यहां कांग्रेस का ही राज रहा लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल ने कांग्रेस से यहां सत्ता छीन ली और प्रताप सिंह यहां से एमपी बने, 1991 और 1996 दोनों ही चुनावों में यहां जनता दल का राज रहा लेकिन 1998 में यहां पर समता पार्टी ने जीत का परचम लहराया और दिग्विजय सिंह यहां से सांसद बने, साल 1999 के चुनाव में भी सांसद की सीट दिग्विजय सिंह के ही नाम रही लेकिन इस बार वो जनता दल यूनाईटेड के टिकट पर चुनाव लड़े थे।
साल 2004 के चुनाव में राजद ने ये सीट जेडीयू से छीन ली और 2009 के चुनाव में फिर से दिग्विजय सिंह यहां से विजयी हुए लेकिन इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था लेकिन उनका निधन हो जाने की वजह से इस सीट पर साल 2010 में उप चुनाव हुए थे जिसे कि उनकी पत्नी पुतुल कुमारी सिंह ने जीता था। वो भी उस साल यहां निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं, लेकिन साल 2014 के चुनाव से पहले वो भाजपा में शामिल हो गईं लेकिन उन्हें इस सीट पर राजद नेता जय प्रकाश नारायण यादव से शिकस्त झेलनी पड़ी।
जयप्रकाश नारायण यादव का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक जयप्रकाश नारायण यादव की लोकसभा में उपस्थिति 88 प्रतिशत रही है तो वहीं उन्होंने इस दौरान 204 डिबेट में हिस्सा लिया है और 165 प्रश्न पूछे हैं यही नहीं उन्होंने सदन में दो प्राइवेट बिल भी पेश किए हैं।
मोदी लहर में इस सीट पर भाजपा का हारना बड़ी बात थी, इसलिए ये सीट जीतना उसके लिए बड़ी चुनौती है, वैसे भी इस बार सियासी हालात बदल चुके हैं, इस बार भाजपा और जेडीयू साथ हैं तो वहीं राजद की पूरी कोशिश इस सीट पर दोबारा दमदार जीत हासिल करने की होगी। देखते हैं इस बार की जनता क्या फैसला लेती है, वो राजद को फिर से अपना साथी चुनती है या फिर उसे भाजपा या उसके सहयोगियों पर भरोसा होता है, अब तो फैसला उसी के हाथ में है।