लोकसभा चुनाव 2019- आजमगढ़ लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने यहां भाजपा के बाहुबलि कैंडिडेट रमाकांत यादव, बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली और काग्रेंस के उम्मीदवार अरविंद कुमार जायसवाल को भारी मतों से हराया था। राजा विक्रमजीत के बेटे आज़मखां द्वारा स्थापित यह शहर अनेक स्वतंत्रता सेनानियों, ऋषियों और विद्वानों की कर्मभूमि रहा है, यहां की आबादी 46,13,913 लाख है , जबकि औसत साक्षरता दर 70.93% है। आमगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं गोपालपुर, सगरी, आज़मगढ़, मेंहनगर और मुबारकपुर, जिनमें से मेंहनगर की विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
1952 से 1971 तक हुए आमचुनावों में कांग्रेस ने यहां लगातार पांच बार जीत दर्ज की है, 1977 के चुनावों में कांग्रेस का विजय रथ जनता पार्टी के राम नरेश यादव ने रोका था लेकिन अगले ही साल यहां उपचुनाव हुए और कांग्रेस की मोहसिना किदवई ने निर्वाचित होकर यहां इतिहास रचा , वो आजमगढ़ की पहली महिला सांसद बनी। 1980 में जनता पार्टी(सेक्युलर) ने जीत दर्ज की। 1984 में संतोष कुमार ने जीत हासिल करके कांग्रेस का इन्तज़ार ख़त्म किया। 1989 में यहां से राम कृष्ण यादव बहुजन समाज पार्टी और 1991 में चंद्रजीत यादव जनता पार्टी की टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1996 से 2004 तक कभी सपा ने बसपा को हराकर तो कभी बसपा ने सपा को हराकर आजमगढ़ की सीट पर कब्ज़ा किया। 2008 में यहां उपचुनाव हुए जिसमें बसपा के अकबर अहमद निर्वाचित हुए। 2009 में समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रमाकांत यादव भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लड़े और आज़मगढ़ में भाजपा को पहली बार जीत दिलाई। साल 2014 में मैनपुरी की सीट के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव ने आज़मगढ़ से चुनाव लड़ा और जीत का नया इतिहास भी लिखा।
मुलायम सिंह यादव, देश की सियासत का बहुत बड़ा नाम है, वो उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और केंन्द्र सरकार में एक बार रक्षा मन्त्री रह चुके है। वर्तमान में वो भारत की समाजवादी पार्टी के मार्गदर्शक हैं। पांच सालों के दौरान उनकी लोकसभा में उपस्थिति 81 प्रतिशत रही और उन्होंने 43 डिबेट में हिस्सा लिया। साल 2014 में यहां पर 1703121 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया, जिसमें 54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। उस साल यहां पर नंबर 2 पर भाजपा, नंबर 3 पर बसपा और नंबर 4 पर कांग्रेस थी। आजमगढ़ की 84 प्रतिशत जनसंख्या हिंदुओं की और 15 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है।
2014 में मोदी की आंधी में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव अपने आभामंडल से सपा के लिए दो सीटें मैनपुरी और आजमगढ़ जीतने में सफल रहे थे, हालांकि उन्होंने बाद में मैनपुरी की सीट छोड़ आजमगढ़ को अपनाने का फैसला लिया था क्योंकि इसके जरिए वो पार्टी का दायरा पूर्वांचल में बढ़ाना चाहते थे , वैसे भी यहां यादवों के लगभग 30 फीसदी मत हैं।