लोकसभा चुनाव 2019: अंडमान निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: अंडमान निकोबार द्वीप समूह केन्द्र शासित प्रदेश है। ये इस केंद्रशासित प्रदेश की एकमात्र लोकसभा सीट है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद बीजेपी के बिष्णु पद रे हैं। अंडमान निकोबार लोकसभा सीट पर 1967 से पहले तक आम चुनाव नहीं हुआ करता था। जो संसद सदस्य इस संघ शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया करते थे, उन्हें सीधे राष्ट्रपति मनोनीत करते थे। उन्हें जनता नहीं चुनती थी, यानी उनका निर्वाचन नहीं हुआ करता था। यहां से पहले निर्वाचित सांसद हुए के आर गणेश। वे केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे। उनके बाद मनोरंजन भक्त ने 8 बार लोकसभा में अंडमान का प्रतिनिधित्व किया।
अंडमान
निकोबार
द्वीप
समूह
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
अंडमान
निकोबार
द्वीप
समूह
में
पहली
बार
मतदान
1967
में
हुआ।
इससे
पहले
1952,
1957
और
1962
में
यहां
से
जनप्रतनिधि
मनोनीत
किए
गये
थे।
इस
लोकसभा
सीट
पर
कांग्रेस
का
वर्चस्व
रहा
है।
1999
से
पहले
हमेशा
से
कांग्रेस
के
उम्मीदवार
चुने
जाते
रहे
हैं।
वर्तमान
सांसद
बिष्णु
पद
रे
तीन
बार
सांसद
रह
चुके
हैं।
52
साल
में
अंडमान
में
महज
तीन
नेता
सांसद
हुए।
यह
बात
ही
अंडमान
निकोबार
द्वीप
समूह
लोकसभा
क्षेत्र
को
खास
बनाती
है।
अंडमान
निकोबार
द्वीप
समूह
खास
इसलिए
भी
है
क्योंकि
हिन्दुस्तान
में
सबसे
पहले
अगर
कहीं
तिरंगा
फहराया
गया
था
तो
वह
यही
धरती
थी।
नेताजी
सुभाष
चंद्र
बोस
ने
पोर्ट
ब्लेयर
में
30
दिसम्बर
1943
को
यहां
यूनियन
जैक
उतारकर
तिरंगा
फहराया
था।
यह
इलाका
'कालापानी'
के
तौर
पर
भी
कुख्यात
रहा
है
जहां
सजा
के
तौर
पर
अंग्रेज
भारतीयों
को
भेज
दिया
करते
थे
और
उन
पर
जुल्मो
सितम
बरपाया
जाता
था।
अंडमान
निकोबार
द्वीपसमूह
में
बीजेपी
और
कांग्रेस
के
बीच
कांटे
की
टक्कर
रही
है।
पिछले
दो
लोकसभा
चुनावों
की
ही
बात
करें
तो
2009
में
बीजेपी
उम्मीदवार
बिष्णु
पद
रे
ने
कांग्रेस
उम्मीदवार
कुलदीप
राय
शर्मा
को
2,990
वोटों
से
हराया
था,
तो
2014
में
बिष्णु
पद
रे
को
7,812
मतों
से
जीत
मिली
थी।
हालांकि
2004
में
कांग्रेस
उम्मीदवार
मनोरंज
भक्त
ने
बिष्णु
पद
रे
को
भारी
अंतर
से
पराजित
किया
था।
यह
अंतर
करीब
30
हज़ार
वोटों
का
था।
बिष्णु
पद
रे
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
मूल
रूप
से
पश्चिम
बंगाल
निवासी
बिष्णु
पद
रे
ने
संसद
में
वर्तमान
कार्यकाल
के
दौरान
33
बार
बहस
में
हिस्सा
लिया
है।
99
सवाल
उन्होंने
सदन
में
पूछे।
हालांकि
यह
राष्ट्रीय
औसत
का
करीब
एक
तिहाई
है।
बिष्णु
पद
रे
की
उपस्थिति
88
फीसदी
रही
है।
बिष्णु
पद
रे
के
सांसद
निधि
से
22.5
करोड़
रुपये
जारी
हुए
जो
ब्याज
समेत
23
करोड़
99
लाख
होकर
उपलब्ध
राशि
बन
गयी।
इनमें
से
3
करोड़
56
लाख
रुपये
शेष
हैं।
यह
स्थिति
दिसम्बर
2018
के
हिसाब
से
है।
बाकी
बचे
हुए
समय
को
देखकर
कह
सकते
हैं
कि
सांसद
निधि
का
उपयोग
हुआ
है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह लोकसभा क्षेत्र में 2014 में 2 लाख 69 हज़ार 360 मतदाता थे। 71 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। यानी कुल 1 लाख 90 हज़ार 328 लोगों ने मतदान किया था। इनमें विजयी प्रत्याशी को 90 हज़ार 969 वोट मिले थे। 2019 में भी अंडमान निकोबार द्वीप लोकसभा क्षेत्र में कांटे की टक्कर के पूरे आसार हैं। बिष्णु पद रे के पास जीत का चौका लगाने का पूरा अवसर है, वहीं कांग्रेस के लिए अपने अतीत के राजनीतिक गौरव को दौबारा हासिल करने का यह अवसर रहेगा।
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