लोकसभा चुनाव 2019: अंबाला लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से सांसद भारतीय जनता पार्टी के रतन लाल कटारिया हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रतनलाल खटारिया को 612,121 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार बाल्मीकि 340,074 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे। अंबाला भाजपा का गढ़ है। इस लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी 9 विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं। 2014 के चुनावों की बात करें तो अंबाला सीट पर 72 फीसदी मतदान हुआ था। कुल 1,692,227 वोटरों में से 1,218,995 लोगों ने इस चुनाव में अपने मत का प्रयोग किया, जिनमें 667,400 पुरुष और 551,595 महिलाएं शामिल थीं। साल 2011 की जनगणना के अनुसार इस सीट की कुल जनसंख्या 2,623,581 है, जिसमें से 53.42 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में और 46.58 प्रतिशत लोग शहरी इलाकों में रहते हैं। यानी कुल मिलाकर यहां के असली वोटर किसान और मध्यमवर्गीय कामगार हैं।
अंबाला लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1952 से अब तक देखा जाये तो अंबाला सीट पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस रही। लेकिन 1996 के बाद से कांग्रेस यहां कमजोर पड़ गई। ग्यारहवीं लोकसभा के चुनाव में यहां से भाजपा के सूरज भान जीते, जबकि 1998 में यह सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में चली गई। 1999 में रतन लाल कटारिया ने भाजपा को यह सीट वापस दिलायी लेकिन 2004 और 2009 के चुनावों में उन्हें लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा। खास बात यह है कि उन्होंने हार नहीं मानी और 2014 में सीट पर वापस कब्जा कर लिया।
रतन लाल कटारिया का लोकसभा में प्रदर्शन
रतन लाल कटारिया की बात करें तो 2014 में वे दूसरी बार सांसद बने थे। 67 वर्षीय कटारिया ने दिसम्बर 2018 तक 116 चर्चाओं में हिस्सा लिया, जबकि राज्य का औसत मात्र 58.5 और राष्ट्रीय औसत 63.8 का है। उन्होंने एक भी प्राइवेट मेंबर बिल तो पेश नहीं किया, लेकिन हां प्रश्न पूछने के मामले में वे काफी आगे रहे। दिसम्बर 2018 तक उन्होंने 319 प्रश्न पूछे। कटारिया ने संसद में 98 प्रशितत उपस्थिति दर्ज कराई।
2019 के लोकसभा चुवान में इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहता है या नहीं यह दो बातों पर निर्भर करेगा। पहला कटारिया की परफॉरमेंस पर और दूसरा मनोहर लाल खट्टर की सरकार के कामकाज पर। और तो और इस लोकसभा के अंतर्गत आने वाली नौ विधानसभा सीटों पर तैनात भाजपा के विधायकों की परफॉरमेंस का भी खासा असर पड़ेगा। यानी कुल मिलाकर भाजपा के लिये यह सीट तभी तक सेफ है, जब तक इन सभी का प्रदर्शन अच्छा है।