लोकसभा चुनाव 2019: अजमेर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: राजस्थान की अजमेर लोकसभा सीट से साल 2014 में भाजपा के सांवरलाल जाट सांसद चुने गए थे। लेकिन उनके निधन की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेज विजयी हुई और रघु शर्मा यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे। रघु शर्मा ने बीजेपी के रामस्वरूप लांबा को 84 हजार 162 मतों से हराया। शर्मा को 6 लाख 11 हजार 514 मत मिले जबकि बीजेपी के रामस्वरूप लांबा ने 5 लाख 27 हजार 100 हासिल किए थे। यह भाजपा के लिए करारा झटका था। लेकिन दिसंबर 2018 में रघु शर्मा भी लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
अजमेर लोकसभा सीट
अजमेर लोक सभा सीट का इतिहास देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस दोनों का इस सीट पर लगभग बराबर वर्चस्व रहा है। भाजपा के राजनीतिक परिदृश्य में अलग पार्टी के रूप में उभरने से पहले कांग्रेस का लगातार इस सीट पर राज रहा है लेकिन साल 1989 के बाद हालात भाजपा के पक्ष में हुए। 1989 से लेकर 1998 तक तीन संसदीय चुनाव में भाजपा के रासा सिंह रावत ने यहां लगातार तिकड़ी जमाई।इसके बाद कांग्रेस को प्रभा ठाकुर के सांसद बनने पर राहत के कुछ पल हासिल हुए लेकिन यह समय काफी कम था क्योंकि 1999 के चुनाव में फिर से यहां बीजेपी जीती और रासा सिंह रावत फिर से एमपी बने, 2009 तक वो ही सांसद की कुर्सी पर विराजमान रहे जिसके बाद रावत लगातार दो संसदीय चुनाव में जीत हासिल कर इस सीट से पांच बार चुनाव जीतने वाले पहले सांसद बन गए लेकिन 2009 में कांग्रेस ने इस सीट पर राजस्थान के मौजूदा डिप्टी सीएम सचिन पायलट जैसे कद्दावर गुर्जर नेता को उतारा था और भाजपा ने अपने परंपरागत वोट बैंक से अलग हटकर वैश्य कार्ड खेला और किरण माहेश्वरी को प्रत्याशी बनाया। पायलट करीब 76 हजार वोटों से जीत हासिल कर सांसद बने और केंद्र में मंत्री पद भी हासिल किया लेकिन साल 2014 के चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर सांवर लाल जाट ने सचिन पायलट को 1 लाख 71 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी जो कि पायलट के लिए राजनीतिक लिहाज से बड़ी चोट थी लेकिन सांवर लाल जाट के निधन की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने बाजी मारी और रघु शर्मा यहां के सांसद बने।
अजमेर, परिचय-प्रमुख बातें-
राजस्थान के मशहूर शहर अजमेर को सातवीं शताब्दी में अजयराज सिंह नामक एक चौहान राजा ने बसाया था। इस नगर का मूल नाम 'अजयमेरु' था। यहां मुगलों ने भी राज किया है। मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध अजमेर में नमक का व्यापार होता है, अजमेर की आबादी 26,36,370 है, जिसमें से 63 प्रतिशत लोग गांवों में और 36 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। अजमेर संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं।
रघु शर्मा को टिकट देकर कांग्रेस ने यहां ब्राह्मण मतदाताओं का वोट हासिल करने की कोशिश की थी, क्योंकि मुस्लिम और पिछड़े वोट पहले से ही उसके साथ थे और उसकी कोशिश यहां कामयाब हुई और अजमेर की लोकसभा सीट उसके खाते में आ गई, उपचुनाव के वक्त राज्य में भाजपा के खिलाफ लोगों में गुस्सा था, जिसका फायदा कांग्रेस ने उठाया और उसने उपचुनाव में भाजपा से उसकी जीती हुई सीट छीन ली, वहीं दूसरी ओर भाजपा को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा, वसुंधरा सरकार से लोग खफा था जिसके चलते उसके हाथ से अजमेर की सीट चली गई, राज्य की सत्ता से भी भाजपा बाहर हो गई है, ऐसे में अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए अब उसका अगला कदम क्या होगा, इस पर ही अब सबकी नजर है, क्योंकि उसके लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।