क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कौन से हैं वो मुद्दे, जिनपर केजरीवाल-LG में छिड़ी अधिकारों की जंग

Google Oneindia News

नई दिल्ली: केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर चल रही जंग बुधवार को खत्म हो सकती है। दिल्ली में किसका शासन चलेगा, इसको लेकर लंबे समय से बहस जारी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है। दिल्ली में राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार, किसके पास अधिक प्रशासनिक शक्तियां होनी चाहिए, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाएगा। बता दें कि, सीएम केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि एलजी ही दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड हैं और कोई भी फैसला उनकी मंजूरी के बिना नहीं लिया जाए।

एसीबी को लेकर शुरू हुई थी जंग

एसीबी को लेकर शुरू हुई थी जंग

वहीं, इस विवाद की जड़ में जाएं तो, एक नहीं, कई मुद्दों पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद हुआ है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद आए दिन केंद्र और दिल्ली सरकार में तनातनी देखने को मिली है, जिसके कारण सीएम केजरीवाल और बीजेपी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा है। इसकी शुरूआत साल 2015 में हो गई थी जब एन्टी करप्शन ब्रांच ने दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल को रिश्वत कर मामले में गिरफ़्तार कर लिया था। इसको लेकर खूब बहस हुई और केंद्र सरकार ने जवान का बचाव भी किया था। जबकि इस केस को एसीबी से लेकर दिल्ली पुलिस को सौंपने की बात की गई तब केजरीवाल सरकार ने इसका जमकर विरोध किया। फिर तो, दोनों तरफ से आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर अधिकारों की जंग देखने को मिली।

कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति का मामला

कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति का मामला

इसके बाद मई 2015 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव के. के. शर्मा के छुट्टी पर जाने के कारण कुछ दिनों के लिए एक कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति की जानी थी। जिसको लेकर सर्विसेज विभाग देख रहे मंत्री मनीष सिसोदिया ने IAS अफ़सर परिमल राय का नाम सुझाया, तो एलजी ने उनके सुझावों को दरकिनार करते हुए शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया, जिसके बाद मामला एलजी बनाम दिल्ली सरकार हो गया और केजरीवाल सरकार ने एलजी पर हमला बोलते हुए तख्तापलट की साजिश का गंभीर आरोप तक लगा दिया।

सर्विसेस के सचिव को दिल्ली सरकार ने हटाया था

सर्विसेस के सचिव को दिल्ली सरकार ने हटाया था

इसकी जवाबी कार्रवाई में दिल्ली सरकार ने सर्विसेस के सचिव अनिंदो मजूमदार को पद से हटाकर उनके कमरे पर ताला भी जड दिया। इसके बाद ही केंद्र सरकार एक नोटिफिकेशन जारी कर ये ऐलान कर दिया दिल्ली में उपराज्यपाल की चलेगी और सर्विसेज विभाग उपराज्यपाल के अधीन होगा, दिल्ली सरकार के अधीन नहीं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एसीबी को उपराज्यपाल के हवाले कर दिया और उसे केंद्र सरकार के तहत आने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई ना करने का आदेश भी जारी कर दिया।

 हाईकोर्ट ने एलजी को बताया था दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख

हाईकोर्ट ने एलजी को बताया था दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख

इसके बाद एलजी ने एक और नियुक्ति की, सर्विसेज विभाग के जरिए IPS मुकेश मीणा को एसीबी का प्रमुख नियुक्त कर दिया, जिसके बाद एसीबी पर से पूरा दिल्ली सरकार का नियंत्रण खत्म हो गया। दिल्ली सरकार के हाथ से बड़े-बड़े अधिकार निकलने के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो दिल्ली की सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं। इसको लेकर सड़कों पर भी दिल्ली सरकार के मंत्री उतरे, अंत में दिल्ली सरकार ने अधिकारों की इस लड़ाई के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी, जहां सुनवाई के बाद फैसला उनके खिलाफ गया और कोर्ट ने उपराज्यपाल को ही दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख बताया। हाईकोर्ट के इस फैसले को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर फैसला आज आना है।

Comments
English summary
problems between Delhi cm Arvind Kejriwal and Lieutenant Governor
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X