यूपी की सियासत में दिखने लगा है 'प्रियंका इफेक्ट', मेंबरशिप में 22 फीसदी तक का उछाल
नई दिल्ली। प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीति में एंट्री का प्रभाव अब यूपी की सियासत पर दिखने लगा है। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आए हुए अभी दो ही महीने हुए हैं लेकिन इसका असर पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच साफ तौर पर देखा जा सकता है। केवल दो महीनों में, कांग्रेस के आंतरिक नेटवर्क में कार्यकर्ताओं की सदस्यता में 20% से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है। प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय राजनीति में औपचारिक रूप से 23 जनवरी को आईं थीं। जब उन्हें पार्टी का महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति की घोषणा खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की थी।
शक्ति नेटवर्क पर सदस्यता के आंकड़े में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
उनकी नियुक्ति ने राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के कांग्रेस के इरादे का स्पष्ट कर दिया है। जहां पार्टी पिछले तीन दशकों से अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी की नियुक्ति के बाद से कांग्रेस के शक्ति नेटवर्क पर सदस्यता का आंकड़ा 5.4 मिलियन से बढ़कर 6.6 मिलियन पहुंच गया है। शक्ति नेटवर्क एक एप है जो पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सीधे पार्टी की लीडरशिप से जोड़ता है। पार्टी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो महीने में स्वयंसेवकों के नामांकन में 22% की वृद्धि हुई है। कांग्रेस की यह एप पिछले साल जून में शुरू किया गया था।
प्रियंका के राजनीति में आने से उत्साहित हैं महिलाएं
कांग्रेस के लिए संभवतः अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस में नेतृत्व किसी पद पर आने के बाद, महिलाओं की सदस्यता में 40% तक की बढ़ोत्तरी देखी गई है। जो पहले सिर्फ 22% की हिस्सेदारी थी। महिलाओं के नामांकन में बढ़ोत्तरी ये साफ हो जाता है कि, प्रियंका गांधी महिलाओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही हैं। बता दें कि देश में लगभग 900 मिलियन मतदाताओं में से 50% महिलाएं हैं। ऐसे में कांग्रेस साथ महिलाओं का तेजी से जुड़ना इस बात का साफ संकेत है कि, महिलाएं प्रियंका गांधी के राजनीति में आने से उत्साहित हैं।
कांग्रेस में बड़े फैसलों का आधार बना शक्ति एप
पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और बिहार के पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि, यह एक अच्छी बात है अगर प्रियंका गांधी की भागीदारी के कारण राजनीति में अधिक महिलाओं ने दिलचस्पी दिखाई है। इसमें कोई संदेह नहीं है, भारतीय राजनीति में अधिक महिलाओं की आवश्यकता है। लेकिन प्रियंका की असली परीक्षा लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को साधने की उनकी क्षमता होगी। कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने शक्ति नेटवर्क को विकसित किया है। जिससे पार्टी लाखों समर्थकों के रुख के आधार पर फैसले लेती है। पार्टी के ज्यादातर फैसले अब शक्ति ऐप पर कराए गए पोल के जरिए ही लिए जाते हैं।
प्रियंका ने भी अपना पहला संदेश शक्ति एप से भेजा था
अन्य कांग्रेस नेताओं की तरह, प्रियंका गांधी ने भी पार्टी के चुनाव अभियान को संचालित करने के लिए शक्ति ऐप के व्यापक नेटवर्क का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। पदभार संभालने के बाद फरवरी में अपनी पहली सार्वजनिक रैली के लिए लखनऊ कूच करने से पहले, उन्होंने कार्यकर्ताओं एप के जरिए अपना एक मैसेज भेजा था। प्रियंका का यह एक छोटा और सरल संदेश था। इसने बस इतना कहा था कि ‘मैं प्रियंका गांधी हूं। मैं आप सब से मिलने के लिए कल लखनऊ आ रही हूं। मुझे उम्मीद है कि साथ मिल कर हम नयी तरह की राजनीति शुरू करेंगे, ऐसी राजनीति जिसमें आप सब हितधारक होंगे...मेरे युवा मित्रों, मेरी बहनों और यहां तक कि सबसे कमजोर व्यक्ति, सबकी आवाज सुनी जाएगी।
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