श्रमिक ट्रेनों में 80 मजदूरों की मौत, प्रियंका गांधी का रेलवे पर तंज
नई दिल्ली। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है ताकि ये मजदूर अपने घर पहुंच सके। लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में इन ट्रेनों के रास्ता भटकने और ट्रेनों के भीतर श्रमिकों की मौत की खबर सामने आई, उसके बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रेलवे से अपील की है कि श्रमिक ट्रेनों को और संवेदना के साथ चलाया जाए और श्रमिकों के साथ संवेदनशीलता दिखाई जाए।
80
की
मौत,
40
फीसदी
ट्रेनें
लेट
प्रियंका
ने
ट्वीट
करके
लिखा,
श्रमिक
ट्रेनों
में
80
लोगों
की
मृत्यु
हो
गई।
40%
ट्रेनें
लेट
चल
रही
हैं।
कितनी
ट्रेनें
रास्ता
भटक
गईं।
कई
जगह
यात्रियों
के
साथ
अमानवीय
व्यवहार
की
तस्वीरें
हैं।
इन
सबके
बीच
रेल
मंत्रालय
का
ये
कहना
कि
कमजोर
लोग
ट्रेन
से
यात्रा
न
करें
चौकाने
वाला
है।
श्रमिक
ट्रेनों
की
शुरू
से
उपेक्षा
की
गई।
जबकि
इस
मौके
पर
श्रमिकों
के
साथ
ज्यादा
संवेदनशीलता
के
साथ
काम
लेना
चाहिए।
बता
दें
कि
रेलवे
सुरक्षा
बल
(आरपीएफ)
की
तरफ
से
जो
जानकारी
दी
गई
है
उसके
मुताबिक
9
मई
से
27
मई
के
बीच
श्रमिक
स्पेशल
ट्रेनों
में
लगभग
80
मजदूरों
की
मौत
हो
चुकी
है।
हालांकि
रेलवे
की
तरफ
से
ये
कहा
गया
है
जिन
लोगों
की
मौत
हुई
है
वो
किसी
और
बीमारी
से
मरे
हैं।
कुछ
लोग
तो
इलाज
के
लिए
ही
शहरों
में
फंसे
थे।
स्पेशल
ट्रेन
शुरू
होने
के
बाद
ही
उन्होंने
घर
का
रास्ता
पकड़ा
था।
इससे
पहले
ऐसी
रिपोर्ट
आ
रही
थी
कि
थकान,
गर्मी
और
भूख
के
कारण
यात्रियों
की
मौत
हुई
है।
आरपीएफ
ने
की
80
लोगों
की
मौत
की
पुष्टि
80
लोगों
के
मौत
की
पुष्टि
करते
हुए
आरपीएफ
ने
कहा
कि
इस
बारे
में
शुरुआती
सूची
बन
चुकी
है।
राज्यों
के
साथ
समन्वय
के
बाद
अंतिम
सूची
भी
जल्दी
ही
तैयार
हो
जाएगी।
आपको
बता
दें
कि
ऐसी
खबरें
आ
रही
है
कि
ट्रेनें
अपने
निर्धारित
समय
से
बहुत
देरी
से
चल
रही
हैं।
इस
भीषण
गर्मी
में
25
घंटे
का
सफर
50
घंटे
में
पूरा
हो
रहा
है।
कई
ट्रेनें
तो
अपने
गंत्वय
स्थान
पर
72
घंटे
की
देरी
से
पहुंची
हैं।
रेलवे
बोर्ड
के
अध्यक्ष
वीके
यादव
ने
शुक्रवार
को
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कर
कहा
कि
किसी
की
भी
मौत
बहुत
बड़ी
क्षति
है।
इंडियन
रेलवे
की
एक
नियंत्रण
प्रणाली
है।
अगर
कोई
बीमार
पाया
जाता
है
तो
ट्रेन
को
फौरन
रोक
दिया
जाता
है
उसे
नजदीक
के
अस्पताल
भेजा
जाता
है।
उसके
जिंदगी
को
बचाने
के
लिए
पूरी
कोशिश
की
जाती
है।
लोगों
का
खयाल
रखा
जा
रहा
वीके
यादव
ने
बताया
कि
कई
ऐसे
यात्रियों
का
इलाज
कराया
गया
है।
कई
महिलाओं
की
डिलीवरी
भी
हुई
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
मैं
इन
परिस्थितियों
में
भी
यात्रा
करने
वाले
मजदूरों
की
दुर्दशा
की
कल्पना
कर
सकता
हूं।
मौतों
के
मामले
में,
स्थानीय
क्षेत्र
कारण
की
जांच
करते
हैं
और
जांच
के
बिना,
ऐसे
आरोप
हैं
कि
भोजन
की
कमी
नहीं
होने
पर
वे
भूख
से
मर
गए।
कुछ
मौतें
हुईं
और
हम
आंकड़े
संकलित
कर
रहे
हैं।
हम
कुछ
दिनों
में
आंकड़े
जारी
करेंगे।
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