जामिया हिंसा पर प्रियंका का धरना खत्म, कहा- मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ेगा देश
नई दिल्ली। नागरिकता कानून और जामिया में छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को इंडिया गेट पर दिया। शाम 4 बजे शुरू हुए धरने को प्रियंका गांधी ने लगभग दो घंटे बाद धरने को खत्म कर दिया। धरना खत्म करने के बाद प्रियंका गांधी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, सरकार ने संविधान को एक झटका दिया है। यह राष्ट्र की आत्मा पर हमला है, युवा राष्ट्र की आत्मा है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि, सरकार ने संविधान को एक झटका दिया
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि, सरकार ने संविधान को एक झटका दिया है। यह राष्ट्र की आत्मा पर हमला है। युवा राष्ट्र की आत्मा है। विरोध करना उनका अधिकार है। मैं भी एक माँ हूँ। आपने उनकी लाइब्रेरी में प्रवेश किया, उन्हें बाहर निकाला और उनकी पिटाई की। यह अत्याचार है। प्रियंका ने कहा कि, कांग्रेस का हर व्यक्ति इस अत्याचार के खिलाफ लड़ेगा और छात्रों के साथ खड़ा रहेगा।
मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ेगा देश: प्रियंका
उन्होंने कहा कि, ये हमारा-आपका देश हैं। हम सबको एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। सरकार गलत कर रही है। नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है। पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए प्रियंका ने कहा कि, प्रधानमंत्री को इस बात पर जवाब देना चाहिए कि कल विश्वविद्यालय में क्या हुआ, किसकी सरकार ने छात्रों के साथ मारपीट की? उन्हें डूबती अर्थव्यवस्था पर बोलना चाहिए। उनकी पार्टी के विधायक ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया, उस पर बात क्यों नहीं की?
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प्रियंका ने कहा था कि, देश का माहौल 'खराब' हो गया है
इससे पहले प्रियंका ने कहा था कि, देश का माहौल 'खराब' हो गया है।देश का वातावरण खराब है। पुलिस विश्वविद्यालय में घुसकर (छात्रों को) पीट रही है। सरकार संविधान से छेड़छाड़ कर रही है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे। प्रियंका गांधी के साथ धरने पर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, पीएल पुनिया, अहमद पटेल और अंबिका सोनी समेत कई कांग्रेसी नेता शामिल हुए। गौरतलब है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन की खबरें आई हैं। रविवार को पटना और लखनऊ में भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। इसके अलावा असम और पश्चिम बंगाल में वाहनों में आग लगा दी गई और रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।