तो इनिंग से पहले ही खत्म होगी प्रियंका गांधी की राजनीतिक पारी?
बंगलुरू। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले सक्रिय राजनीति पिच पर अचानक उतरी प्रियंका गांधी अभी रिटायर्ड हर्ट होकर ड्रेसिंग रूम में बैठी हैं, लेकिन अगर अटकलों पर भरोसा किया जाए तो मौजूदा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की राजनीतिक पारी फिलहाल विराम लग सकती है।
गत 7 फरवरी, 2019 को संकट मोचक के रूप में कांग्रेस महासचिव पद बनाने के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी थी, लेकिन प्रियंका गांधी फुस्की बम साबित हुईं और पार्टी अपनी पारंपरिक अमेठी सीट भी गवां बैठी और हारा कौन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी।
गौरतलब है लोकसभा चुनाव 2019 में अमेठी जैसी पारंपरिक सीट पर कांग्रेस पार्टी में हार की आहट सुनकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड पहुंच गए और जीत भी गए, लेकिन वो पार्टी की फजीहत को नहीं टाल पाए। ऐसे कयासों को बाजार गर्म है कि अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी महासचिव प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी के प्रभारी पद से मुक्त कर सकती है।
पार्टी महासचिव बनाए जाने से पहले प्रियंका गांधी मां सोनिया गांधी भाई राहुल गांधी के चुनावी कैंपेन में हिस्सा लेती थी, लेकिन फरवरी, 2019 से पहले उन्हें कभी पार्टी द्वारा कोई पद नहीं ऑफर किया गया और न ही उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने का कभी कोई संकेत दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में प्रियंका गांधी को पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़ाने की सुगबुगाहट थी और ऐनवक्त में उनके वाराणसी से लड़ने की घोषणा पर विराम लग गया। शायद पार्टी पीएम मोदी के सामने पार्टी के कद्दावर नेता की हार का जोखिम नहीं लेना चाहती थी।
हालांकि प्रियंका गांधी पर बड़ा दांव लगाते हुए तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी महासचिव बनाने की घोषणा की और पूर्वी यूपी कांग्रेस की कमान भी सौंपी, लेकिन प्रियंका गांधी की राजनीतिक यात्रा की शुरू होते ही खत्म हो गई।पार्टी अमेठी जैसी पारंपरिक लोकसभा सीट को बचाने में ही नाकाम नहीं रही बल्कि पार्टी अध्यक्ष को इज्जत बचाने के लिए केरल के वायनाड चुननी पड़ गईं। अमेठी सीट से लगातर 4 बार लोकसभा पहुंचे राहुल गांधी की हार की फजीहत पार्टी वायनाड पर जीत से ढक लेगी, लेकिन प्रियंका गांधी की काबिलियत पर प्रश्नचिह्न हमेशा के लिए लग गया है।
उल्लेखनीय है अमेठी लोकसभा सीट से जीतकर राहुल गांधी के पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 4 बार संसद पहुंचे थे और उनके मां सोनिया गांधी एक बार संसद पहुंची थीं जबकि उनकी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुल तीन बार अमेठी लोकसभा से चुनकर संसद पहुंची थी, लेकिन बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की आसान राह को मुश्किल बनाते हुए अमेठी को कांग्रेस से दूर कर दिया। लोकसभा चुनाव के चुनावी कैंपेन के लिए अमेठी पहुंची प्रियंका गांधी ने कई बार राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया।
पांचवे चरण के लिए अमेठी में एक चुनावी कैंपेन में पहुंचीं प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी को वोट कटवा तक करार दे दिया था। पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा था कि जहां उनके उम्मीदवार थोड़े हल्के हैं, वहां पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार दिए हैं, जो बीजेपी का वोट काट सकें। प्रियंका का वोट कटवा वाला बयान बाद में पार्टी के गले का फांस गया और जो फजीहत पार्टी की हुई वो अलग।
यह भी पढ़ें-सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर क्या बोले भाजपा सांसद?