जानिए किसका है 'कौल हाउस', जो बनने जा रहा है प्रियंका गांधी वाड्रा का ठिकाना
नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस मिला है, प्रियंका को एक अगस्त तक इसे खाली करना होगा, हालांकि कांग्रेस ने इसे खुद पर हमला और घटिया राजनीति का हिस्सा बताया है, दरअसल साल 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से SPG सुरक्षा वापस ले ली थी और इसके बाद इन लोगों के पास अब z प्लस सुरक्षा है, SPG सुरक्षा के तहत ही प्रियंका गांधी को लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला मिला था लेकिन अब वो प्रोटेक्शन नहीं है, इसलिए प्रियंका गांधी को एक अगस्त तक बंगला खाली करने को कहा गया है।
प्रियंका गांधी लखनऊ के 'कौल हाउस' में शिफ्ट हो सकती हैं
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का कहना है कि अगर प्रियंका गांधी ये बंगला खाली नहीं करती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त किराया देना होगा, मालूम हो कि प्रियंका गांधी अभी 37 हजार रुपये प्रति महीने का किराया दे रही हैं। फिलहाल इस निर्देश के बाद प्रियंका गांधी के लखनऊ शिफ्ट होने की बात सामने आई, हालांकि अधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं गया है लेकिन मीडिया सूत्र कह रहे हैं कि प्रियंका गांधी लखनऊ के 'कौल हाउस' में शिफ्ट हो सकती हैं।
इंदिरा गांधी की मामी थीं शीला कौल
जिसका अभी हाल ही में रंगरोगन हुआ है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 'कौल हाउस' किसका है, तो आपको बता दें कि लखनऊ के वीवीआईपी इलाके गोखले मार्ग का 23/2 मकान 'कौल हाउस' कहलाता है जो कि प्रियंका गांधी की दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल का घर है। शीला कौल. पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के भाई कैलाशनाथ कौल नेहरू की बीवी थीं और इसी नाते इंदिरा गांधी की मामी कहलाती थीं।
कैलाश नाथ कौल वनस्पति विज्ञानी थे...
कैलाश नाथ कौल वनस्पति विज्ञानी थे, उन्होंने ही लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की स्थापना की थी, शीला कौल का जन्म 19 फरवरी 1915 को हुआ था, शीला कौल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक सामाजिक लोकतांत्रिक नेता थीं, वो एक राजनेता, कैबिनेट मंत्री और राज्यपाल भी थीं।
एक नजर राजनीतिक सफर पर
- साल 1959-65: लखनऊ नगर निगम की पार्षद
- साल 1968-71 : यूपी विधान परिषद की सदस्य
- 1988 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव बनी।
- 5 बार सांसद रहीं ।
- ( 1971, 1980,1984 लखनऊ से सांसद)
- (1989 और 1991 में रायबरेली से सांसद)
- कैबिनेट मंत्रिमंडल की सदस्य ( 1980-84, 1991-95)
- 1995-96 में हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल।
अपने अंतिम वक्त में वे अपने बेटी के पास आ गईं थीं जो कि स्वयं यूपी कैबिनेट में मंत्री रह चुकी हैं शीला कौल का निधन 13 जून 2015 को 101 वर्ष की आयु में गाजियाबाद में हुआ था, उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक रखा गया था।
यह पढ़ें: साल 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे व्लादिमीर पुतिन!