रायबरेली में प्रियंका गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं पर निकाली भड़ास, कही बड़ी बात
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर लगातार हार को लेकर मंथन चल रहा है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली सीट पर लगातार पांचवी बार जीत दर्ज करने के बाद सोनिया गांधी यहां पहुंची। इस दौरान उनके साथ बेटी प्रियंका गांधी भी मौजूद थी। रायबरेली में लोगों से बातचीत के दौरान कहा कि रायबरेली में जीत की वजह पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से नहीं मिली है। प्रियंका ने कहा कि लगातार पांचवी बार सोनिया गांधी की जीत का श्रेय यहां के मतदाताओं को जाता है।
मतदाताओं की वजह से मिली जीत
यूपी में कांग्रेस पार्टी की हार पर प्रियंका गांधी ने कहा कि इस हार के लिए पार्टी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मैं बोलना नहीं चाहती थी, लेकिन मुझे यह कहना पड़ रहा है कि सोनिया गांधी की रायबरेली में जीत की वजह पार्टी के कार्यकर्ता नहीं बल्कि रायबरेली के मतदाता हैं। मतदाताओं की मेहनत की वजह से ही सोनिया गांधी को यहा जीत मिली है। रायबरेली में जीत के लिए प्रियंका गांधी ने यहां के मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया।
कार्यकर्ताओं पर निकाली भड़ास
इस दौरान पार्टी के 2500 कार्यकर्ताओं को यहां बुलाया गया था, इस दौरान प्रियंका गांधी ने तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी और लोगों से कहा कि वह उन लोगों का पता लगाए जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया। उन्होंने कहा कि मैं यहां कोई भाषण देने नहीं आई हूं, लेकिन मैं आपके बीच सच्चाई बताना चाहती हूं और सच यह है कि रायबरेली में सोनिया गांधी की जीत वजह यहां के लोग हैं। बता दें कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार रायबरेली पहुंची थीं। लेकिन खराब मौसम की वजह से उनका विमान वापस दिल्ली उड़ान नहीं भर सका, जिसके चलते बुधवार को उन्हें अमेठी में ही रात गुजारनी पड़ी।
चुनाव में शर्मनाक हार
बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सिर्फ रायबरेली में जीत मिली। पार्टी को पारंपरिक सीट अमेठी में भी हार का सामना करना पड़ा था। यहां राहुल गांधी को भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं पार्टी इस बार भी लोकसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने से चूक गई और उसे सिर्फ 52 सीटों पर ही जीत मिली। जबकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम 55 सीटों की जरूरत होती है।
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