कोर्ट में प्रिया रमानी ने कहा-अकबर पर यौन दुराचार के आरोप लगाने के पीछे कोई गलत मकसद नहीं
नई दिल्ली। एमजे अकबर मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी और उनके दोस्तों की गवाही दिल्ली की एक अदालत में पूरी हो गई है। एक घंटे से अधिक समय तक अकबर की वकील गीता लूथरा ने उनसे जिरह की। मामले की सुनवाई के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने गुरुवार को अदालत से कहा कि मैंने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप द्वेषपूर्ण मकसद से नहीं लगाए थे। मानहानि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 दिसंबर है।

गुरुवार को एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले में अपनी जिरह के दौरान रमानी ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि उनके आरोपों ने शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। रमानी और उसके दोस्त नीलोफर की क्रॉस एग्जामिन अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विशाल पाहुजा के समक्ष आयोजित की गई थी, क्योंकि यह मामला एसीएमएम समर विशाल द्वारा उनके न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
रमानी ने जिरह के दौरान कहा कि, यह कहना गलत है कि एक पत्रकार के रूप में मेरा आचरण अनैतिक रहा है। ऐसा कहा गया कि, मैंने ना तो अपने स्रोतों की पहचान की थी और ना ही श्रेय दिया था। इससे पहले सीएमएम समर विशाल के सामने नीलोफर का बयान दर्ज किया गया था। इस दौरान उन्होंने रमानी के उत्पीड़न की कथित घटना को संक्षेप में बताया था।
रमानी ने अकबर पर मुंबई के एक होटल के कमरे में यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके बाद अकबर ने 'मी टू' अभियान में उनका नाम घसीटे जाने के बाद रमानी के खिलाफ एक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।आरोपों के बाद विदेश मामलों के लिए तत्कालीन राज्य मंत्री अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पत्रकार प्रिया रमानी ने सितंबर महीने में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर की तरफ से दायर मानहानि मामले में एक गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराया था।
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