अप्रैल 2023 तक पटरी पर दौड़ेगी प्राइवेट ट्रेनें, जानिए कितनी फीसदी ट्रेनों का किया जा रहा निजीकरण
अप्रैल 2023 तक पटरी पर दौड़ेगी प्राइवेट ट्रेनें, जानिए कितनी फीसदी ट्रेनों का किया जा रहा निजीकरण
नई दिल्ली। भारत के रेलवे बोर्ड ने रेलवे के निजीकरण का ऐलान कर दिया हैं। रेलवे मंत्रालय ने दावा किया है कि अप्रैल 2023 तक पटरियों पर दर्जनों निजी ट्रेनें दौड़ने लगेगी। रेलवे बोर्ड ने प्राइवेट ट्रेनों के बारे में ये भी खुलासा किया कि इन ट्रेनों का कितना होगा किराया और उनके क्या नियम बनाए गए हैं और कितनी फीसदी ट्रेनों का निजीकरण किया जा रहा हैं।
जानिए कितने फीसदी ट्रेन का किया जा रहा निजीकरण
रेलवे मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि फिलहाल 5 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी ) मॉडल पर किया जाएगा। इन निजी ट्रेनों का टिकट का किराया उनके समान मार्गों पर हवाई किराए के साथ प्रतिस्पर्धी होगा। यानी कि हवाई किराए से निजी ट्रेन का किराया टक्कर लेगा।
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95 फीसदी ट्रेनें पहले की तरह संचालित की जाएगी
ऑनलाइन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा फिलहाल भारत सरकार ने 5 फीसदी ट्रेनों के ही निजीकरण का फैसला लिया है जिसे पीपीपी मॉडल पर चलाया जाएगा। वहीं बाकी 95 फीसदी ट्रेनें रेलवे की तरफ से पहले की तरह चलाई जाएगी। उन्होनें कहा यात्री ट्रेन संचालन में निजी कंपनियों का मतलब होगा प्रौद्योगिकी और कोचों में एक क्वांटम अपग्रेडेशन जो उच्च गति पर चलती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में सुधार का मतलब यह भी होगा कि जिन कोचों को अब 4,000 किमी चलने के बाद रखरखाव की आवश्यकता होती है, उन्हें हर 40,000 किलोमीटर के बाद रखरखाव की आवश्यकता होगी, जो कि महीने में एक या दो बार होता है।
109 मार्गों पर 151 ट्रेनों का संचालन करेंगी प्राइवेट कंपनियां
बता दें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष का ये बयान रेलवे द्वारा औपचारिक रूप से भारतीय रेलवे ने प्राइवेट कंपनियों को यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए आमंत्रण मांगने के एक दिन बाद आया हैं जिसमें रेल मंत्रालय ने 109 मार्गों पर कुल 159 ट्रेनों के संचालन के लिए प्राइवेट कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए प्राइवेट सेक्टर 30,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। बता दें अलायइंग को डर है कि रेलवे नेटवर्क निजी पार्टियों को सौंपा जा रहा है, यादव ने गुरुवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यात्री ट्रेन परिचालन में निजी भागीदारी आईआर पर मौजूदा 2800 मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों का केवल पांच प्रतिशत होगी।
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अप्रैल 2023 तक शुरू होने की संभावना
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने ये भी बताया कि ट्रेन सेट निजी ऑपरेटरों द्वारा लाए जाते हैं और उनके द्वारा बनाए रखा जाता है। निजी ट्रेन संचालन अप्रैल 2023 तक शुरू होने की संभावना है। निजी ट्रेनों में किराया प्रतिस्पर्धी होगा और अन्य मोड पर कीमतें बढ़ेंगी। एयरलाइंस, बसों जैसे परिवहन को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि निजी कंपनियों के आने का मतलब यह भी होगा कि ट्रेनें यात्रियों को मांग के अनुरुप उपलब्ध होंगी और वेटिंग लिस्ट में कमी आएगी।
निजी ट्रेनों को इन नियमों का करना होगा पालन
यादव ने कहा कि निजी ऑपरेटर पथ, स्टेशनों, रेलवे के बुनियादी ढांचे तक पहुंच और बिजली की खपत के लिए शुल्क तय करेंगे। यह प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारतीय रेलवे के साथ राजस्व भी साझा करेगा। निजी संस्था को 95 प्रतिशत समय की पाबंदी सुनिश्चित करनी होगी और एक लाख किलोमीटर की यात्रा में एक से अधिक असफलता नहीं दर्ज करनी होगी। यादव ने कहा, निजी ट्रेनों में अगर कोई भी नियमों का पालन नहीं होता है तो उन्हें दंडित किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि हर लोकोमोटिव में एक बिजली मीटर होगा और निजी ऑपरेटर ऊर्जा खपत की वास्तविक राशि का भुगतान करेंगे। यह, यादव ने कहा, उन्हें अपनी ऊर्जा की खपत कम रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा, "इसके माध्यम से आम आदमी को बेहतर ट्रेन, बेहतर तकनीक और कम कीमत पर मिलेगा। भारतीय रेलवे 95 प्रतिशत ट्रेनों को चलाना जारी रखेगी," उन्होंने कहा।
मेक इन इंडिया के तहत बनाई जाएंगी ये निजी ट्रेनें
यादव ने कहा कि ज्यादातर प्राइवेट ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। सभी कोच मेक इन इंडिया नीति के तहत खरीदे जाएंगे। किराया एसी बस और हवाई किराया को ध्यान में रख कर तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि अप्रैल 2023 तक प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाए। प्राइवेट ट्रेन किस तरह परफॉर्म कर रही हैं, उसके लिए एक स्पेशल मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा और परफॉर्मेंस रिव्यू होगा।