2 महीने में प्राइवेट अस्पतालों ने खरीदे 2 करोड़ वैक्सीन डोज लेकिन इस्तेमाल हुई सिर्फ 88 लाख खुराक
नई दिल्ली, 24 जून। देश में कोरोना की स्पीड में पहले से कम हुई है लेकिन इसका प्रकोप शांत नहीं हुआ है, ऐसे में सरकार की ओर से सबको जल्द से जल्द कोरोना का टीका लगाने की कोशिश की जा रही है। वैक्सीन लगाने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए निजी अस्पतालों में भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन पेड है यानी कि पैसे देकर लगाई जा रही है लेकिन निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने की रफ्तार तेज होने के बजाय सुस्त पड़ गई है।
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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में 1.08 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक अभी भी बची हुई है, ये जानकारी केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को दी गई है। सरकार की ओर से जो आंकड़ा पेश किया गया है, उसके मुताबिक खुले बाजार की नीति के तहत प्राइवेट अस्पतालों को 25 प्रतिशत वैक्सीन खरीदने का अधिकार दिया गया था। जिसके बाद निजी अस्पतालों ने 1 मई से 22 जून तक कोविशील्ड की 1.97 करोड़ खुराकें खरीदीं लेकिन 1.97 करोड़ खुराकों में से 22 जून तक 88.9 लाख खुराकों का ही इस्तेमाल किया गया है यानी कि प्रतिदिन अस्पतालों में 1.71 लाख खुराक दी गई है, जो कि काफी कम है।
मालूम हो कि वैक्सीन स्टॉक का डेटा निजी अस्पतालों द्वारा सरकार को दी गई जानकारी पर आधारित है, जिसके मुताबिक सबसे ज्यादा पेडिंग स्टॉक महाराष्ट्र के पास बचा है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के प्राइवेट अस्पतालों ने 52.69 लाख डोज खरीदी थी लेकिन अभी भी उसके पास 26.33 लाख डोज बाकी है, जबकि कर्नाटक ने 31.68 लाख डोज खरीदी थी और उसके पास अभी 16.74 लाख डोज पेडिंग है, जबकि पश्चिम बंगाल ने 26.90 लाख वैक्सीन खरीदी थी लेकिन उसके पास 16.65 लाख वैक्सीन की डोज पेडिंग है।
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जबकि रिपोर्ट के मुताबिक देश के 10 राज्यों में 89 प्रतिशत वैक्सीन का लंबित स्टॉक बचा हुआ है। जिन दस राज्यों की बात यहां हो रही हैं उनके नाम निम्नलिखित हैं
- पश्चिम बंगाल,
- उत्तर प्रदेश,
- तेलंगाना,
- तमिलनाडु,
- पंजाब,
- महाराष्ट्र,
- केरल,
- कर्नाटक,
- हरियाणा और
- दिल्ली
मिजोरम, बिहार, मणिपुर और पुडुचेरी ऐसे राज्य हैं, जहां के निजी अस्पतालों में 10 प्रतिशत से भी कम वैक्सीन का उपयोग हुआ है।