प्रिंस फ़िलिप: अंतिम संस्कार को लेकर क्या हैं तैयारियां?
प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा का शुक्रवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा का शुक्रवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. बकिंगघम पैलेस ने कहा है कि प्रिंस फ़िलिप का अंतिम संस्कार विंडसर कासल के सेंट जॉर्ज चैपल में 17 अप्रैल को किया जाएगा. आने वाले दिनों में अंतिम संस्कार को लेकर अधिक जानकारी सार्वजनिक की जाएगी लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी बड़े सरकारी कार्यक्रम की जगह केवल एक औपचारिक आयोजन होगा.
आगे क्या होगा?
ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की है कि अंतिम संस्कार के दिन सुबह 8 बजे तक सभी सरकारी इमारतों पर यूनियन जैक्स और राष्ट्रीय झंडे आधे झुके रहेंगे. महारानी जहां नहीं रह रही होंगी उन शाही इमारतों पर लगे यूनियन जैक्स भी आधे फहराए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: प्रिंस फ़िलिप: बीबीसी शाही परिवार की मौत की ख़बर को कैसे कवर करती है?
राजशाही की संप्रभुता और निरंतरता को प्रदर्शित करने वाला रॉयल स्टैंडर्ड झंडा कभी भी आधा नहीं फहराया जाता है इसलिए महारानी जहां भी होंगी वह उसी तरह से फहराया जाएगा. वहीं, शनिवार की दोपहर को ब्रिटेन और जिब्राल्टर में प्रिंस फ़िलिप को तोपों की सलामी दी गई. एडिनबरा, कार्डिफ़, लंदन, नॉर्दर्न आयरलैंड के हिल्सबोरो कैसल और पोर्ट्समथ और डेवनपोर्ट के नौसेना अड्डे पर 41 तोपों की सलामी दी गई. हर मिनट में एक राउंड फ़ायर किया गया जो 40 मिनट तक चला. प्रिंस फ़िलिप ने द्वितीय विश्व युद्ध में नौसेना अधिकारी के तौर पर भाग लिया था और उन्होंने लॉर्ड हाई एडमिरल का कार्यालय भी संभाला था. इस कारण एचएमएस डायमंड और एचएमएस मोंटरोस जैसे रॉयल नेवी के जहाज़ों से भी सलामी दी गई.
अगले महीने होने वाले चुनावों के मद्देनज़र प्रिंस फ़िलिप के सम्मान में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के मुख्य राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव अभियानों को रद्द कर दिया है. सोमवार को ब्रिटिश संसद ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा को श्रद्धांजलि देगी.
जनता अपना सम्मान कैसे दिखा सकती है?
इंग्लैंड में कोरोना वायरस के कारण भीड़ के इकट्ठा होने पर रोक लगी हुई है जिसके कारण अंतिम संस्कार की लंबी योजनाएं हैं और इसमें संशोधन भी हो चुके हैं. लोगों से कहा गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वे अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने की कोशिश न करें. शाही परिवार ने लोगों से कहा है कि वे शाही इमारतों के बाहर फूल और श्रद्धांजलि प्रदर्शित करने वाली चीज़ों को न छोड़ें.
शाही परिवार की वेबसाइट पर जनता से कहा गया है कि वे चैरिटी करने के बारे में सोचें न कि ड्यूक को पुष्पांजलि दें. संवेदना प्रकट करने के लिए एक ऑनलाइन बुक भी मौजूद है जिस पर जनता अपनी निजी संवेदनाओं को पोस्ट कर सकती है. बकिंघम पैलेस के बाहर एक तख़्ती भी लगाई गई थी जिस पर ड्यूक के निधन की घोषण की गई थी हालांकि इसे बाद में हटा लिया गया क्योंकि इसके कारण लोग वहां इकट्ठा हो सकते थे. हालांकि, इसके बावजूद भी लोग विंडसर कैसल के बाहर फूल, कार्ड और अपने अन्य श्रद्धांजलि संदेश छोड़ रहे हैं.
यह भी पढ़ें: प्रिंस फ़िलिप: फलों की टोकरी में ग्रीस छोड़ने से लेकर महारानी से शादी तक की कहानी
अंतिम दर्शन लोग कर सकेंगे?
कथित तौर पर प्रिंस फ़िलिप का निवेदन था कि उनका अंतिम संस्कार कम से कम भीड़भाड़ में हो और उनको सार्वजनिक तौर पर दर्शन के लिए नहीं रखा जाए. इसकी जगह वो चाहते थे कि उन्हें विंडसर कैसल में रखा जाएगा.
ताज से जुड़े अंतिम तीन पति या पत्नियों को सार्वजनिक तौर पर दर्शन के लिए रखा गया था. इनमें क्वीन मदर भी शामिल थीं 2002 में उन्हें 2 लाख लोगों ने श्रद्धांजलि दी थी. सेंट्रल लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में तीन से अधिक दिनों तक लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. प्रिंसेज़ ऑफ़ वेल्स डायना का भी औपचारिक तरीक़े से शाही अंतिम संस्कार हुआ था जबकि उनके पास 'हर रॉयल हाइनेस' की उपाधि नहीं थी. राजकीय कार्यक्रमों के आयोजन में मदद करने वाले कॉलेज ऑफ़ आर्म्स का कहना है कि ड्यूक के अंतिम संस्कार की योजनाएं 'रिवाज और हिज़ रॉयल हाइनेस की इच्छाओं' के अनुसार ही हैं.
ड्यूक का व्यक्तिगत झंडा इन कार्यक्रमों में दिखाई दे सकता है. उनके झंडे में उनकी ज़िंदगी के अक्स दिखते हैं जिनमें ग्रीक विरासत से लेकर उनकी ब्रिटिश उपाधि शामिल है.
1946 में जब प्रिंसेज़ एलिज़ाबेथ के साथ उनकी सगाई हुई थी तो उन्होंने अपनी ग्रीक उपाधि को छोड़ने की घोषणा की थी और वो ब्रिटिश नागरिक बन गए थे. उन्होंने अपनी मां का अंग्रेज़ी नाम माउंटबेटन इस्तेमाल किया था.
अंतिम संस्कार में कौन शामिल होगा?
ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा के निधन की सूरत में जो शुरुआती इंतज़ाम किए गए थे, उनके लिए कोडनेम तय हुआ था 'फोर्थ ब्रिज.' इसमें ये उम्मीद की गई थी कि लंदन और विंडसर में हज़ारों लोग इकट्ठा होंगे. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो मिलिट्री का जुलूस देखने के लिए ख़ास जगहों पर कैंप लगा सकते हैं. सशस्त्र बलों के सैंकड़ों जवान सड़कों पर प्रिंस फ़िलिप के सम्मान में खड़े होंगे और उनके साथ होंगे हज़ारों की संख्या में पुलिसकर्मी जो भीड़ को बेकाबू होने से रोकेंगे.
लेकिन महामारी की शुरुआत से ये व्यवस्था देखने वाले लोग वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रहे थे जिनमें प्रिंस फ़िलिप के देहांत की स्थिति में लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने से रोका जा सके. माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सरकार की मौजूदा गाइडलाइंस और एडवाइज़री को देखते हुए महारानी अंतिम संस्कार और उससे जुड़े कार्यक्रमों की योजनाओं में बदलाव करने पर विचार कर रही हैं.
अंतिम संस्कार के दिन ये माना जा रहा है कि प्रिंस फ़िलिप का ताबूत अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए थोड़ी दूर पर सेंट जॉर्ज चैपल ले जाया जाएगा.
यह भी पढ़ें: प्रिंस फ़िलिप: ब्रिटेन में बेहद सम्मानित शख़्सियत रहे
इंग्लैंड में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जो पाबंदियां लगाई गई हैं, उसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इसमें केवल 30 लोगों को शामिल होने की इजाज़त दी जाएगी. इसमें शामिल होने वाले परिवार के सदस्यों या आमंत्रित अतिथियों के बारे में विस्तार से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि प्रेस एसोसिएशन के अनुसार, प्रिंस हैरी इसमें शामिल हो सकते हैं. अमेरिका में रह रहे ड्यूक ऑफ़ ससेक्स और डचेज ऑफ़ ससेक्स पिछले साल राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य की पदवी छोड़ने के बाद अभी तक ब्रिटेन वापस नहीं लौटे हैं. शाही परिवार के राजाओं, रानियों, राजकुमारों और राजकुमारियों को इसी सेंट जॉर्ज चैपल के रॉयल वॉल्ट में दफ़नाया जाता रहा है.
हाल के समय में सेंट जॉर्ज चैपल राजपरिवार की शादियों का गवाह रहा है. प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल की शादी यहीं हुई. राजकुमारी इवेजिन और जैक ब्रुक्सबैंक ने साल 2018 में यहीं पर शादी की थी.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)