बेंगलुरु: पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया 5 यंग साइंटिस्ट लैब, वैज्ञानिकों को किया संबोधित
बेंगलुरु। कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बेंगलुरु में 5 डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैब्स को लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में साइंटिस्ट को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये संयोग ही है कि अब से कुछ समय पहले मैं किसानों के कार्यक्रम में था और अब यहां देश के जवान और अनुसंधान की चिंता करने वाले आप सभी साथियों के बीच में हूं और कल मुझे साइंस कांग्रेस में जाना है।
वैज्ञानिकों को किया संबोधित
गौरतलब है कि साल 2020 में पीएम मोदी का यह कर्नाटक में पहला दौरा है, अपने इस कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। पीएम मोदी ने सबसे पहले तुमकुर में श्री सिद्धगंगा मठ में एक रैली को संबोधित किया उसके बाद बेंगलुरु पहुंचे जहां उन्होंने डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैब्स को राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम तो एक शुरुआत है आपके सामने सिर्फ अगला 1 साल नहीं बल्कि अगला 1 दशक है। इस 1 दशक में DRDO का मीडियम और लॉन्ग टर्म रोडमैप क्या हो, इस पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
टेंपरामेंट और पेशेंस को भी टेस्ट करेगी ये लैब्स
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे संतोष है कि एडवांस्ड टेकनॉलजीज के क्षेत्र में 5 लैब्स स्थापित करने के सुझाव पर गंभीरता से काम हुआ और आज बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई में 5 ऐसे संस्थान शुरू हो रहे हैं। पीएम कहते हैं कि अपने युवा वैज्ञानिक साथियों से मैं ये भी कहूंगा कि ये लैब्स, सिर्फ टेक्नॉलजी को टेस्ट नहीं करेंगी, आपके टेंपरामेंट और पेशेंस को भी टेस्ट करने वाली हैं। आपको हमेशा ये ध्यान रखना होगा कि आपके प्रयास और निरंतर अभ्यास ही हमें सफलता के रास्ते पर ले जाएंगे।
Karnataka: Prime Minister Narendra Modi launches Five Defence Research and Development Organisation (DRDO) Young Scientists Laboratories in Bengaluru. pic.twitter.com/ann7W6xBy2
— ANI (@ANI) January 2, 2020
DRDO को नई ऊंचाई पर देखना चाहता हूं: PM
वैज्ञानिक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम सिर्फ विचार करने पर न रुकें तय समय के भीतर ऐक्शनेबल काम भी करें। मैं DRDO को उस ऊंचाई पर देखना चाहता हूं जहां वो न सिर्फ भारत के वैज्ञानिक संस्थानों की दिशा और दशा तय करे, बल्कि दुनिया के अन्य बड़े संस्थानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनें। उन्होंने कहा कि आपने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को दुनिया के सबसे उत्कृष्ट कार्यक्रमों में शामिल किया है। बीता वर्ष तो स्पेस और एयर डिफेंस के क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य को नई दिशा देने वाला रहा है।
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