गंगा की स्वच्छता के साथ पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था-पर्यावरण विकास पर भी फोकस: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड में छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इन परियोजनाओं का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नमामि गंगे योजना के तहत किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के लोगो का भी अनावरण किया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, इनके लिए मैं उत्तराखंड के सभी लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।
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गंगा की निर्मलता आवश्यक है
उन्होंने कहा, उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है। बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे। लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता। अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती। लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।
नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया। दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5,000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना। चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना। इस चौतरफा काम का परिणाम हम सब देख रहे हैं। आज नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर या तो काम चल रहा है, या पूरा हो चुका है। उत्तराखंड में तो स्थिति ये थी कि गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से अधिक नाले गंगा जी में गिरते थे। आज इन नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है।
चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा। ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है। इसमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है। इसके कारण यहां गंगा जी के दर्शन के लिए आने वाले और राफ्टिंग करने वाले साथियों को बहुत परेशानी होती थी। आज से यहां देश का पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो चुका है। हरिद्वार में भी ऐसे 20 से अधिक नालों को बंद किया जा चुका है। नमामि गंगे अभियान को अब नये स्तर पर ले जाया जा रहा है। गंगा जी के स्वच्छता के अलावा अब गंगा जी से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है। सरकार द्वारा उत्तराखंड के साथ ही सभी राज्य के लोगों को जैविक खेती से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
आजादी के इतने साल बाद भी लोगों को पानी की दिक्कत
उन्होंने आगे कहा कि आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है। हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था। इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश। नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं। आप सोचिए आजादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था। देश में पानी से जुड़ी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया। पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ ये मंत्रालय आज हर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है।
2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है। उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कोरोना काल के बीच भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में करीब 50 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।
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