उत्तराखंड में तीन मई तक जारी रहेगा राष्ट्रपति शासन, नहीं होगा फ्लोर टेस्ट
नई दिल्ली। उत्तराखंड में लगे राष्ट्रपति शासन को सुप्रीम कोर्ट ने तीन मई तक के लिए बरकरार रखा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 27 मार्च को लगाये गये राष्ट्रपति शासन पर केंद्र सरकार से सात सवाल पूछे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल की सुनावई के दौरान उत्तराखंड कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की लागू करने का आदेश दिया था। जस्टिस दीपक मिश्रा औऱ शिवकीर्ति सिंह ने सुनवाई के दौरान इस मामले की सुनवाई को अगले महीने की तीन मई तक के लिए टाल दिया।
सुप्रीम कोर्ट के सात सवाल
1-क्या
सदन
में
बहुमत
को
सिद्ध
करने
में
देरी
राष्ट्रपति
शासन
की
वजह
हो
सकती
है।
2-क्या
राष्ट्रपति
शासन
लगाने
के
लिए
विधायकों
का
निलंबन
जरूरी
मुद्दा
है।
3-क्या
सदन
के
भीतर
की
कार्यवाही
को
देखते
हुए
राष्ट्रपति
केंद्र
सरकार
का
शासन
लागू
कर
सकते
हैं।
4-क्या
राज्यपाल
ने
अनुच्छेद
175(2)
के
तहत
फ्लोर
टेस्ट
के
लिए
संदेश
भेजा
था।
5-क्या
राज्यपाल
स्पीकर
से
वोटों
के
बंटवारे
की
बात
कह
सकता
है।
6-मनी
बिल
गिरने
पर
सरकार
गिर
जाती
है,
लेकिन
मनी
बिल
पास
नहीं
हुआ
ये
कौन
बतायेगा
स्पीकर,
जबकि
स्पीकर
ने
ये
नहीं
कहा
है।
7-प्रोप्रिएशन
बिल
की
मौजूदा
स्थिति
क्या
है
जब
राज्य
में
राष्ट्रपति
शासन
है।