71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र के नाम संबोधन, पढ़ें पूरा संबोधन
नई दिल्ली। 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार शाम राष्ट्र को संबोधित किया। देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, मैं देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि, 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है।
‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/0VTU60nS83
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2020
राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि, मुझे विश्वास है कि 'जल जीवन मिशन' भी 'स्वच्छ भारत अभियान' की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा। जी.एस.टी. के लागू हो जाने से 'एक देश, एक कर, एक बाजार' की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ 'ई-नाम' योजना द्वारा भी 'एक राष्ट्र के लिए एक बाजार' बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि, हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं - चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों। देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है।
महामहिम ने कहा कि, भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है। शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में, भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि, देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएँ प्रस्तुत करता है। इस महीने के आरंभ में, मुझे देश के ऐसे ही कुछ कर्मठ लोगों से मिलने और उनके साथ बातचीत करने का अवसर मिला, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय काम किया है। ऐसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि सामान्य व्यक्ति भी, अपने आदर्शों और कर्मठता के बल पर, समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि, इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है।राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है। किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को, गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।
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