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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देश के नाम संबोधन, बड़ी बातें
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देश के नाम संबोधन, बड़ी बातें
नई दिल्ली। 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि वो सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि हम स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं। वहीं उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं को भी सराहा। राष्ट्रपति ने सीमाओं पर लड़ रहे जवानों के प्रति भी सम्मान प्रकट किया। राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन की बड़ी बातें-
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2020
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Ramnath
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- हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों की नींव पर ही आधुनिक भारत का निर्माण हो रहा है। हमारे दूरदर्शी राष्ट्रनायकों ने अपने विविध विचारों को राष्ट्रीयता के एक सूत्र में पिरोया था। उनकी साझा प्रतिबद्धता थी देश को दमनकारी विदेशी शासन से मुक्त कराना और भारत माता की संतानों के भविष्य को सुरक्षित करना। उन्होंने अपने कार्यकलापों से आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान को मूर्त रूप प्रदान किया।
- स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिवस है। स्वाधीन भारत की नींव पर ही आधुनिक भारत का निर्माण हो रहा है। सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे मार्ग दर्शक थे। समानता हमारे गणतंत्र का मूल मंत्र है. इस साल स्वतंत्रता दिवस पर धूमधान नहीं होगी.. क्योंकि कोरोना ने विश्व को क्षति पहुंचाई है।
- राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।
- सार्वजनिक अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के कारण गरीबों के लिए इस महामारी का सामना करना संभव हो पाया है। इसलिए, इन सार्वजनिक स्वास्थ्य-सुविधाओं को और अधिक विस्तृत व सुदृढ़ बनाना होगा।
- यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा लिए थे। इन प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है। यह पूरे विश्व के सामने अनुकरणीय उदाहरण है।
- दुनिया में कहीं पर भी मुसीबत में फंसे हमारे लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध, सरकार द्वारा 'वंदे भारत मिशन' के तहत, दस लाख से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है। भारतीय रेल द्वारा इस चुनौती-पूर्ण समय में ट्रेन सेवाएं चलाकर, वस्तुओं तथा लोगों के आवागमन को संभव किया गया है।
- मेरा मानना है कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में, जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। हमने मौजूदा संकट को सबके हित में, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्यमियों के हित में, समुचित सुधार लाकर अर्थव्यवस्था को पुन: गति प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा है।
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए 'अम्फान' चक्रवात ने भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हमारी चुनौतियां और बढ़ गईं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली।
- किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए जरूरतमन्द लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। इस अभियान से हर महीने, लगभग 80 करोड़ लोगों को राशन मिलना सुनिश्चित किया गया है।
- राष्ट्रपति ने कहा, भारत की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है, दुनिया से अलगाव या दूरी बनाना नहीं। इसका अर्थ यह भी है कि भारत वैश्विक बाजार व्यवस्था में शामिल भी रहेगा और अपनी विशेष पहचान भी कायम रखेगा।
- कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। किसान बिना किसी बाधा के, देश में कहीं भी, अपनी उपज बेचकर उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' में संशोधन किया गया है।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' की शुरूआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके।
- आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।
- हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
- हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर बौद्धिक, आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में। मैं प्रार्थना करता हूं कि समस्त विश्व का कल्याण हो: सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है।
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English summary
president ramnath kovind address to nation independence day 2020
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