भारत का प्राचीन योग का विज्ञान दुनिया के लिए महान तोहफा: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आज पूरी दुनिया इस दिन को अपने-अपने तरीके से मना रही है। दुनियाभर से अलग-अलग जगहों से लोगों के योग करने की तस्वीरें सामने आ रही है। इसमे ना सिर्फ आम आदमी बल्कि खास लोग भी शामिल हैं। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस मौक पर योग का अभ्यास किया। राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में योगाभ्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सब को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई! प्राचीन योग विज्ञान मानवता को भारत का अमूल्य उपहार है। मुझे प्रसन्नता है कि अधिकाधिक लोग योग को जीवन में अपना रहे हैं। संघर्ष व तनाव के बीच, विशेष रूप से कोविड-19 के इस दौर में, शरीर को स्वस्थ व मन को शांत रखने में योगाभ्यास सहायक सिद्ध होगा।
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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को योग दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप प्राणायाम को रोजाना अपने अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम की तकनीक को भी सीखिए। स्वामी विवेकानंद कहते थे- "एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है"। किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है। योग का अर्थ ही है- 'समत्वम् योग उच्यते' अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है। गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- 'योगः कर्मसु कौशलम्', अर्थात कर्म की कुशलता ही योग है।
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मौके पर कहा कि योग मस्तिष्क और शरीर, कर्म और विचार के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ाने का जरिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों की वजह से योग को वैश्विक स्वीकृति मिली। योग भारतीय संस्कृति का पूरी मानवता के लिए अमूल्य तोहफा है।
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