Raksha Bandhan 2018: रक्षाबंधन आज, राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने दी देशवासियों को बधाई
नई दिल्ली। मेले और त्योहारों के देश भारत में हर त्योहार पौराणिक महत्व से जुड़ा है, ऐसे ही त्योहारों में रक्षाबंधन भी है जिसे श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। आम प्रथा के अनुसार इस मौके पर बहनें अपने भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बदले में बहन को उपहार के रूप में सदा उसकी रक्षा करने का वचन देता है। राखी में रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, सोने या चांदी जैसी मंहगी वस्तु तक की हो सकती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आज सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की बधाई दी है।
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रक्षाबंधन आज
आज के दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक और मिठाई होते हैं। लड़के और पुरुष स्नानादि कर पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। उन्हें रोली या हल्दी से टीका कर चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर छिड़का जाता है, उनकी आरती उतारी जाती है और तब दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है।
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भाई-बहनों का पर्व रक्षाबंधन
राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नजर आने लगे। भगवान इंद्र घबरा कर बृहस्पति के पास गए। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था।
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कई ऐतिहासिक प्रसंग
इस त्योहार से कई ऐतिहासिक प्रसंग जुड़े हैं। राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ-साथ हाथ में रेशमी धागा बांधती थी। यह विश्वास था कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आएगा।
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